यूपी में कोरोना को लेकर अलर्ट जारी, मरीजों की संख्या बढ़ने पर होगी जीनोम सीक्वेंसिंग
लखनऊ | चीन में फिर से कोविड का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसके मद्देनजर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश भर में अलर्ट जारी किया है। उन्होंने निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग में जांच से लेकर उपचार तक की व्यवस्था शुरू करें। एयरपोर्ट पर चौकसी बढ़ा दी जाये। संक्रमण प्रभावित देशों की यात्रा से लौटे लोगों की जांच कराई जाए। कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए ताकि वायरस के वैरिएंट का पता लगाया जा सके।
बुधवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने प्रदेश के सभी सीएमओ और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण प्रभावित देश से आने वाले यात्रियों की जांच सुनिश्चित की जाए। जिनोम सीक्वेंसिंग कराई जाए। इससे नए वैरिएंट का सटीक पता लगाया जा सके। सर्दी-जुकाम और बुखार समेत अन्य लक्षण वाले यात्रियों को चिन्हित करें। कोविड संदिग्ध के नमूने लेकर जांच कराई जाए। इस दौरान यात्रा से लौटे लोगों को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह दी जाए। स्वास्थ्य विभाग विदेश की यात्रा से लौटे लोगों की सूची बनाए। 12 से 14 दिन तक उनकी सेहत का हाल लें। किसी भी तरह की परेशानी होने पर उन्हें उपचार उपलब्ध कराया जाए।
कोविड संक्रमितों की भर्ती की व्यवस्था करें। ऑक्सीजन से लेकर आरटीपीसीआर, सीटी स्कैन, एक्सरे, पैथोलॉजी की जाँच से जुड़े संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था कर लें। मास्क, पीपीई किट व ग्लब्स आदि भी पर्याप्त मात्रा में जुटा लें। उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं की व्यवस्था करें।
सर्तक रहें
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि चीन में संक्रमण का खतरा फिर से बढ़ गया है। सावधानी बरतकर कोविड के खतरों से खुद को बचा सकते हैं। भीड़-भाड़ में बिना जरूरत जाने से बचें। मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि जागरूकता से कोरोना को मात दी सकती है। सतर्कता बरतें। दिशा-निर्देशों का पालन करें। इससे आसानी से संक्रमण से मुकाबला किया जा सकता है।
वर्तमान में 21 जिलों में मौजूद हैं कोरोना के मरीज
वर्तमान में 21 जिलों में कोविड के 95 मरीज मौजूद हैं। इनमें वाराणसी में 33, रायबरेली में 12, मेरठ में सात, गाजियाबाद में पांच, कुशीनगर में पांच, अंबेडकरनगर में चार और अमरोहा, एटा व गोंडा में तीन-तीन और अन्य जिलों में इससे कम मरीज हैं।