आशीष मिश्रा को फिलहाल नहीं मिलेगी जमानत, SC ने 20 जनवरी तक स्थगित की सुनवाई
नई दिल्ली | लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को फिलहाल जमानत नहीं मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। बताते चलें कि आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत रद्द के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
ताजा अपडेट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। इससे पहले आज सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने बताया कि सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जा चुके हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एडिशनल सेशन जज से पूछा था कि लखीमपुर मामले के ट्रायल में कितना टाइम लगेगा। इसके जवाब में बताया गया है कि न्यायाधीश लखीमपुर खीरी की रिपोर्ट कहती है कि मुकदमे को पूरा होने में 5 साल लगेंगे क्योंकि मामले में 208 गवाह हैं।
लखीमपुर के तिकुनियां कांड का ये है पूरा घटना क्रम
3 अक्टूबर को खीरी हिंसा कांड में एक पत्रकार, चार किसान व तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी।
4 अक्टूबर को खीरी हिंसा मामले में एक पत्रकार व चार किसानों की हत्या के आरोप में केंद्रीय राज्यमंत्री के पुत्र आशीष मिश्र व 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना तिकुनिया में मुकदमा दर्ज किया गया था।
4 अक्टूबर को ही खीरी हिंसा मामले में तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या व आगजनी के आरोप में 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ दूसरा मुकदमा दर्ज।
8 अक्टूबर को पुलिस ने नोटिस देकर बयान के लिए आशीष मिश्र को बुलाया, लेकिन बीमारी के चलते पेश नहीं हुआ।
9 अक्टूबर को आशीष मिश्रा अपने अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह के साथ पुलिस लाइन पहुंचा। 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद रात को रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया और जेल भेज दिया गया था।
11 अक्टूबर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर सुनवाई हुई थी।
12 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक आशीष की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर।
14 अक्टूबर को आशीष मिश्रा को घटनास्थल पर ले जाया गया और रीक्रिएशन कराया गया था।
14 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट से आशीष की जमानत अर्जी खारिज हुई थी।
21 अक्टूबर को दोबारा पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी दी गई थी।
22 अक्टूबर को 48 घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर हो गई थी।
28 अक्टूबर को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर सुनवाई जिला जज की अदालत में होनी थी। अभियोजन ने स्थगन अर्जी दी, तीन नवंबर नियत
3 नवंबर को शोक प्रस्ताव के चलते जमानत अर्जी पर सुनवाई टली, 15 नवंबर नियत की गई थी।
15 नवंबर को आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी जिला जज मुकेश मिश्रा ने खारिज कर दी थी।
13 दिसंबर को विवेचक ने मुकदमे में जान लेवा हमला, गंभीर चोटें पहुचाना व आर्म्स एक्ट की धाराओं को बढ़ाने की अर्जी दी थी।
14 दिसंबर को मुकदमे में कुछ धाराओं को विलोपित किया गया था, वहीं कुछ धाराओं को बढ़ाया गया था।
17 दिसंबर को बढ़ी हुई धाराओं में सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी।
18 दिसंबर को जिला जज की अदालत में दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी ।
03 जनवरी 2022 को आशीष मिश्रा समेत 14 लोगों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी।
05 जनवरी 2022 को आरोप पत्र व बयानों की नकल कॉपी दी गईं थीं।
10 जनवरी 2022 को सीजेएम ने मुकदमे की सुनवाई करते हुए मुकदमा सेशन कोर्ट के सुपुर्द किया था।
19 जनवरी 2022 को जिला जज कोर्ट में पहली सुनवाई की थी।
10 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट से जमानत मंजूर, लेकिन आदेश में धारा 302 व 120बी आइपीसी टाइप होने से छूट गया था।
11 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट में संशोधन अर्जी दाखिल की गई थी।
14 फरवरी 2022 को हाईकोर्ट में संशोधन अर्जी मंजूर और आशीष की रिहाई का आदेश हुआ था।
15 फरवरी 2022 को जेल पहुंचा आशीष की रिहाई का आदेश, जिसके बाद शाम को रिहाई हुई थी।
18 अप्रैल 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत रद्द करते हुए उसे एक सप्ताह में सरेंडर के लिए कहा था।
24 अप्रैल 2022 को केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जेल भेज दिया गया था।
6 दिसंबर 2022 को आशीष मिश्रा उर्फ मोनू (Ashish Mishra) सहित 13 अन्य आरोपितों के खिलाफ एडीजे कोर्ट ने तय किए आरोप।