काशी में माँ अन्नपूर्णा के दर्शन से प्राप्त होता है सौंदर्य और सौभाग्य

काशी में माँ अन्नपूर्णा के दर्शन से प्राप्त होता है सौंदर्य और सौभाग्य
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शारदीय नवरात्रि का आज आठवां दिन है। आज मां भगवती के आठवें स्वरूप यानी अष्टांग योग की अधिष्ठात्री देवी महागौरी की पूजा की जाती है। देवी महागौरी की कृपा से धन-संपदा, सौंदर्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। महागौरी सृष्टि का आधार होने के साथ ही अक्षत सुहाग की प्रतीक हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने मां काली पर गंगाजल छिड़का था तो वह महागौरी हो गईं थीं।

काशी में आज देवी मंगला गौरी और मां अन्नपूर्णा की पूजा होती है। देवी मंगला गौरी का मंदिर पंचगंगा घाट क्षेत्र में है। वहीं, माता अन्नपूर्णा का मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप है। दोनों ही मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए सुबह से देवी भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है।

देवी मंगला गौरी मंदिर के महंत पंडित नारायण गुरु ने बताया कि मां महागौरी की पूजा के लिए ‘सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते…’ मंत्र का जाप करना चाहिए। देवी के इस स्वरूप की पूजा विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का फल प्रदान करती है।

जो लोग मंगल ग्रह से पीड़ित होते हैं या जिन लड़कियों का विवाह नहीं होता है, वह सावन के महीने से 14 मंगलवार तक मां मंगला गौरी का दर्शन-पूजन करें। अन्न का दान करें और शाम को एक दीपक जरूर जलाएं। मां मंगला गौरी समस्त बाधाएं दूर कर देती हैं। देवी को अक्षत, सिंदूर, पीले या लाल रंग का फूल, चुनरी और नारियल अर्पित करना चाहिए।


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