अमरमणि-मधुमणि की रिहाई पर बड़ी खबर,अमरमणि-मधुमणि की रिहाई पर रोक से SC का इनकार
नई दिल्ली। कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में लंबे समय से जेल की सजा काट रहे बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई के आदेश आ गए हैं। दोनों लंबे समय से जेल में कैद थे। आज उनकी गोरखपुर जेल से रिहाई हो जाएगी। इस बीच ये मामला देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। जहां मधुमिता की बहन ने रिहाई पर रोक लगाने के लिए याचिका लगाई थी।
रिहाई पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। उत्तर प्रदेश जेल विभाग ने गुरुवार को राज्य की 2018 की छूट नीति का हवाला देते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समय पूर्व रिहाई का आदेश जारी किया था,जो जेल में 16 साल पूरे कर चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
जस्टिस अनिरूद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कवयित्री की बहन निधि शुक्ला की याचिका पर राज्य सरकार,त्रिपाठी और उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। अधिकारियों ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जेल विभाग ने उनकी उम्र और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 साल के हैं और मधुमणि 61 साल की हैं। अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी फिलहाल गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।
क्या था पूरा मामला?
कवयित्री मधुमिता गर्भवती थीं जिनकी नौ मई 2003 को लखनऊ की पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर 2003 में हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिसके साथ वह कथित तौर पर रिश्ते में थे। देहरादून की एक अदालत ने अक्टूबर 2007 में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में नैनीताल उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने दंपति की सजा को बरकरार रखा था। मामले की जांच सीबीआई ने की थी।