बड़ा अपडेट,9-18 नवंबर तक बंद रहेंगे सभी स्कूल,क्या 13 नवंबर से लागू होगा ऑड-ईवन?
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण की वजह से धुंध छाया हुआ है। इस वजह से लोगों को आंखों में जलन के अलावा सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। हालांकि, ऑड-ईवन पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है।
स्कूलों में सर्दी की छुट्टी
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को देखते हुए 9 नवंबर से 18 नवंबर तक स्कूलों को विंटर ब्रेक घोषित करने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली के स्कूलों में पूर्व निर्धारित दिसंबर-जनवरी में होने वाले विंटर ब्रेक को अभी घोषित करने का आदेश दिया गया है। प्रदूषण के चलते दिल्ली में सभी स्कूलों को औपचारिक आदेश जारी किया गया है। दिल्ली में प्रदूषण के चलते 10वीं और 12वीं को छोड़ सभी स्कूलों की सभी क्लास ऑनलाइन चल रही है। ऐसे में प्रदूषण के चलते जो स्कूल बंद करने पड़े हैं उससे कहीं बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो। इसलिए, इन छुट्टियों को विंटर ब्रेक के साथ एडजस्ट किया जा रहा है।
ऑड-ईवन पर सस्पेंस बरकरार
प्रदूषण पर काबू पाने के लिए दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लगाने का फैसला किया है,लेकिन अभी भी इस पर सस्पेंस बरकरार है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ऑड-ईवन फॉर्मूले पर सवाल उठाते हुए अवैज्ञानिक करार दिया। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुधवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही हम आगे बढ़ेंगे। ऑड ईवन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्देश दिए हैं उस पर हम अपना रिपोर्ट सबमिट करेंगे और LG के पास जाएंगे। फिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हम आगे बढ़ेंगे। इसको लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है।
प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने अधिकारियों और अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद उन्होंने बताया कि दिल्ली के कनॉट प्लेस में लगा स्मॉट टावर अब चालू हो गया है और फुल कैपेसिटी से चल रहा है। बता दें कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई थी और स्मॉट टावर रिपेयर करने के निर्देश दिए थे।
दिल्ली में बुधवार सुबह हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। शहर के कई इलाकों में पीएम 2.5 और कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ) के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के आनंद विहार में पीएम 2.5 का स्तर 500 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी में रहा, जबकि सीओ 112 और एनओ2 का स्तर 128 पर ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा। बवाना में पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 500 (गंभीर) दर्ज किया गया, जबकि सीओ 110 (मध्यम) तक पहुंच गया। दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) में पीएम10 ‘गंभीर’ श्रेणी के तहत 456 पर पहुंच गया, जबकि पीएम2.5 ‘बहुत खराब’ श्रेणी के तहत 356 पर था। सीओ ‘मध्यम’ श्रेणी के तहत 115 दर्ज किया गया था।
द्वारका सेक्टर 8 में पीएम10 का स्तर 465 और पीएम2.5 का 457 (‘गंभीर’) दर्ज किया गया, जबकि सीओ 135 पर, मध्यम श्रेणी में दर्ज किया गया।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाईअड्डे के टर्मिनल3 पर पीएम2.5 का स्तर 456 और पीएम10 का 434 रहा जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है। सीओ का स्तर 137 ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा। आईटीओ पर पीएम2.5 का स्तर 500 दर्ज किया गया जबकि पीएम10 का स्तर 444 पर पहुंच गया। दोनों गंभीर श्रेणी में हैं। बुधवार सुबह सीओ 117 (‘मध्यम’) दर्ज किया गया। लोधी रोड पर पीएम 2.5 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 388 पर था, जबकि पीएम10 का स्तर 363 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सीओ 123 मध्यम श्रेणी में था.
पंजाबी बाग में पीएम 2.5 का स्तर 493 और पीए10 का 436 पर पहुंच गया। दोनों ‘गंभीर श्रेणी’ में हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड का स्तर मध्यम श्रेणी में गिरकर 125 पर पहुंच गया। शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है। 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’; 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’; 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’; और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।