बिहार भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा का निधन, भाजपा में शोक की लहर, पीएम मोदी के थे करीबी
वाराणसी(जनवार्ता)।वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार BJP के सह प्रभारी सुनील ओझा का दिल्ली में निधन हो गया है। कुछ महीने पहले ही उनका उत्तर प्रदेश से बिहार ट्रांसफर हुआ था। बिहार ट्रांसफर से पहले सुनील ओझा यूपी के सह प्रभारी थे। इन्हें PM मोदी का काफी करीबी बताया जाता था। निधन की सूचना से भाजपा नेताओं में शोक की लहर दौड़ गई है।
सुनील ओझा मूल रूप से गुजरात के भावनगर जिले के रहने वाले थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक माने जाते थे। सुनील ओझा भावनगर दक्षिण से बीजेपी के विधायक भी रह चुके थे। ब्राह्मण समाज से आने वाले ओझा बेहद जमीनी नेता थे। सुनील ओझा को बिहार का सह प्रभारी बनाने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई थी। बता दें कि सुनील ओझा पिछले दिनों गड़ौली धाम आश्रम को लेकर चर्चाओं में थे। मिर्जापुर में गंगा नदी के किनारे गड़ौली धाम आश्रम का निर्माण किया जा रहा है। जिसके बारे में बताया जाता है कि ये सुनील ओझा की देखरेख में बन रहा था।
गुजरात के इस पूर्व विधायक ने कभी बगावत की थी और मतभेदों के चलते भाजपा का साथ छोड़ दिया था. लेकिन वह 2011 में वापस लौट आए. उन्हें 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में वाराणसी में मोदी की जीत का अहम सूत्रधार माना गया. वह संगठन का काम देखने में माहिर माने जाते थे। पार्टी के भीतर कई लोगों ने इस सफलता के पीछे ओझा के सांगठनिक कौशल, बेहतरीन योजना और चतुराई को माना है।
मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व सह प्रभारी और वर्तमान में बिहार भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा के निधन पर बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा ‘वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व विधायक, बिहार भाजपा के सह प्रभारी एवं उत्तर प्रदेश भाजपा के पूर्व सह प्रभारी सुनील भाई ओझा का निधन अत्यंत दुःखद है। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।