आर्म्स लाइसेंस रिन्यूअल के लिए BJP विधायक को देनी पड़ी रिश्वत
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर सदर से बीजेपी के विधायक प्रदीप चौधरी ने गाजियाबाद जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदीप चौधरी का कहना है कि उन्होंने अपने और परिवार के शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए रिश्वत दी है। उनका आवास गाजियाबाद के इंदिरापुरम में भी है। उन्होंने जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह को एक पत्र लिखा कि असलहा बाबू ने उनसे रिश्वत ली।
प्रदीप चौधरी ने आरोप लगाया कि उनके यह बताने पर भी कि ‘मैं विधायक हूं’, इसके बाद भी असलहा बाबू ने कहा सुविधा शुल्क देना पड़ेगा। वहीं इस मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी को दी गई है। यह खबर जैसे ही सुर्खियां बनीं तो बीजेपी नेता बालेश्वर त्यागी ने फेसबुक पर पोस्ट करके अपना दर्द बयान किया। बालेश्वर त्यागी,कल्याण सिंह की सरकार में मंत्री थे और तीन बार के विधायक भी रह चुके है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की सरकार है लेकिन जिस दिन विधायक से रिश्वत मांगी गई थी,उसी दिन उनको धरने पर बैठ जाना चाहिए था।
विधायक ने साधी चुप्पी
बालेश्वर त्यागी ने कहा कि विजिलेंस या अधिकारी के जरिए उसे गिरफ्तार करवा देना चाहिए था। पत्र लिखने की आवश्यकता क्यों पड़ी? विधायक जनता का प्रतिनिधि होता है, जब वह स्वयं रिश्वत देगा तो जनता का प्रतिनिधि क्या करेगा। आवश्यक है तो आंदोलन करते,धरने पर बैठ जाते,चिंता इसलिए है क्योंकि विधायक ने अपने काम के लिए रिश्वत दी। विधायक का काम तो जनता की उत्पीड़न की समस्या को दूर करना होता है। उसी समय जिला कलेक्ट्रेट को बताते,इसलिए मैंने अपना दर्द बयां किया। फिलहाल इस मामले में जब विधायक प्रदीप चौधरी से उनके पत्र को लेकर एबीपी गंगा ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने चुप्पी साध ली। वहीं प्रशासन की तरफ से भी कोई जवाब नहीं मिला। अब देखना होगा कि सीडीओ की जांच में क्या निकल कर आता है।