‘कैमिकल मुक्त नैचुरल फार्मिंग सरकार की प्राथमिकता’,17वें सहकारिता महासम्मेलन में बोले मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 17वें सहकारिता महासम्मेलन में किसानों को संबोधित किया। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने 9 सालों के उनके नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में हुए बदलाव के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि भारत के मोटे अनाज यानि मिलेट्स की पहचान दुनिया में श्री अन्न के नाम से बन गई है। इसके लिए विश्व में एक नया बाजार तैयार हो रहा है। भारत सरकार की पहल के कारण इस वर्ष को International Milets Year के रूप में मनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “किसान हितैषी अप्रोच को जारी रखते हुए, कुछ दिन पहले एक और बड़ा निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है। यही नहीं, गन्ना किसानों के लिए भी उचित और लाभकारी मूल्य अब रिकॉर्ड 315 रुपये क्विंटल कर दिया गया है। अमृतकाल में देश के गांव, देश के किसान के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए अब देश के कॉपरेटिव सेक्टर की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है। सरकार और सहकार मिलकर विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को डबल मजबूती देंगे।”
उन्होंने कहा, “जब विकसित भारत के लिए बड़े लक्ष्यों की बात आई, तो हमनें सहकारिता को एक बड़ी ताकत देने का फैसला किया। हमनें पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय बनाया,अलग बजट का प्रावधान किया। आज हमारा देश विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य पर काम कर रहा है और मैनें लाल किले से कहा है कि हमारे हर लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सबका प्रयास आवश्यक है।”
‘आज किसानों और सरकार के बीच कोई बिचौलिए नहीं’
पहले की स्थिति के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “2014 से पहले अक्सर किसान कहते थे कि उन्हें सरकार की मदद बहुत कम मिलती है और जो थोड़ी बहुत मिलती भी थी वो बिचौलियों के खातों में जाती थी। सरकारी योजनाओं के लाभ से देश के छोटे और मध्यम किसान वंचित ही रहते थे। लेकिन पिछले 9 वर्षों में ये स्थिति बिल्कुल बदल गई है। आज करोड़ों छोटे किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि मिल रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई फर्जी लाभार्थी नहीं।”
‘मोदी सरकार ने सहकारिता कानून में एक समानता लाने का काम किया’:अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महासम्मेलन में कहा, “मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता के क्षेत्र में कई सारे कदम हमनें उठाए हैं। सबसे पहले संवैधानिक ढांचे के भीतर राज्य और केंद्र के अधिकारों में खलल डाले बगैर सहकारिता कानून में एक समानता लाने का प्रयास नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया है।”