विश्वनाथ धाम में आज से मोबाइल ले जा सकेंगे श्रद्धालु
श्री काशी विश्वनाथ धाम का गेट नंबर चार (विश्वनाथ द्वार) अब श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है। गेट नंबर चार के दरवाजे को अब केवल इमरजेंसी में ही खोला जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम में सुरक्षा के नए इंतजाम के तहत मंदिर प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। आम श्रद्धालुओं और वीआईपी को भी गेट नंबर चार के बगल में बनाए गए छत्ता द्वार के अलावा गेट नंबर एक, दो और गंगा द्वार से ही प्रवेश दिया जाएगा। श्रद्धालु सामान और मोबाइल लेकर धाम क्षेत्र में प्रवेश कर सकेंगे। आज से इस व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा।
श्री काशी विश्वनाथ धाम और ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा के लिहाज से गेट नंबर चार को बंद करने का निर्णय लिया गया है। मंदिर के लिए तैयार कराए गए सुरक्षा प्लान में गेट नंबर चार को केवल आपातकाल में ही इस्तेमाल किया जाएगा। सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखकर ही गेट नंबर चार को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। गेट नंबर चार से बाबा के मंदिर के मुख्य परिसर में सीधे प्रवेश के लिए रास्ता खुलता है।
शनिवार से अचानक गेट बंद होने के बाद श्रद्धालुओं में भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया। हालांकि इस गेट के बाएं वाले रास्ते से श्रद्धालुओं को मंदिर चौक से होते हुए मंदिर तक जाने दिया जा रहा है। श्रद्धालु बैग और मोबाइल लेकर जा रहे हैं।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि गेट नंबर चार को अब त्योहार, इमरजेंसी के दौरान या किसी निर्माण कार्य के लिए सामान ले आने व ले जाने के लिए ही खोला जाएगा। वीआईपी और आम श्रद्धालुओं को बगल के रास्ते छत्ता द्वार से प्रवेश दिया जाएगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम में नई सुरक्षा व्यवस्था लागू होने के कारण गेट को बंद किया गया है।
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में किसी तीर्थ पुरोहित पर पांच हजार रुपये लेकर सीधे गर्भगृह में बाबा को स्पर्श दर्शन के मामले ने तूल पकड़ लिया है। दिल्ली से आए श्रद्धालु के साथ हुई घटना के बाद हड़कंप मचा हुआ है।
श्रद्धालु ने दिल्ली लौटकर ट्वीट किया कि मैंने कोई टिकट नहीं कटवाए और पंडे को पांच हजार रुपये देकर विधिवत दर्शन किया। मुझे किसी ने नहीं टोका। उसके इस ट्वीट के बाद आला अधिकारियों व मंदिर प्रशासन में खलबली मच गई। मामला तीन दिन पुराना है।