कर्नाटक में चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग ने हनुमान चालीसा की पाठ पर लगाई रोक

कर्नाटक में चुनाव से पहले ही चुनाव आयोग ने हनुमान चालीसा की पाठ पर लगाई रोक
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बेंगलुरु | कर्नाटक में 10 मई को सभी 224 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। चुनाव से पहले प्रदेश में बजरंग बली का मुद्दा छाया हुआ है। चुनाव से 24 घंटे पहले यानी मंगलवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने देशभर में हनुमान चालीसा का पाठ करने का एलान किया। हालांकि, कर्नाटक में इसको लेकर चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाई है।

बेंगलुरु में हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोका
दरअसल, चुनाव आयोग ने बेंगलुरु के विजय नगर में वीएचपी कार्यकर्ताओं को हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोक दिया है। वीएचपी कार्यकर्ता विजय नगर में स्थित एक मंदिर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे, लेकिन चुनाव आयोग ने उन्हें रोक दिया।

धारा 144 का हवाला
वीएचपी सदस्य अभिषेक ने बताया कि चुनाव आयोग की टीम ने उन्हें हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोक दिया। उन्होंने बताया कि राज्य में धारा 144 लागू होने से पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते, इसी वजह से उन्हें रोक दिया गया।

कांग्रेस के घोषणापत्र से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, बजरंग बली पर विवाद कांग्रेस के घोषणापत्र जारी होने के बाद हुआ था। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी किया था। घोषणापत्र में कहा था कि राज्य में सरकार में आते ही बजरंग दल, पीएफआई समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।

मोदी-शाह समेत भाजपा नेता हमलावर
वही, इसको लेकर कांग्रेस बीजेपी के निशाने पर है। पीएम मोदी ने एक रैली में कहा था कि कांग्रेस ने ही श्रीराम को ताले में बंद किया, अब ये लोग बजरंग बली को बंद करने की बात कह रहे हैं।

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