इंजीनियरिंग छात्राओं ने बनाई स्मार्ट राखी,सिर्फ एक हजार में तैयार

इंजीनियरिंग छात्राओं ने बनाई स्मार्ट राखी,सिर्फ एक हजार में तैयार
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गोरखपुर। अभी तक आप सुना करते थे कि राखी वो रेशम की डोर होती है,जो भाई बहन के रिश्ते को मजबूत करती है। इसके साथ ही बहन,भाई की कलाई पर राखी बांध खुद की हिफाजत का वचन लेती है,लेकिन इस बार गोरखपुर की बहनों ने एक ऐसी राखी बनाई है,जो भाई की हिफाजत करेगी।

गोरखपुर ITM GIDA की कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने वाली पूजा यादव और विजया रानी ओझा ने ऐसी स्मार्ट राखी बनाई है,जो इमरजेंसी या दुर्घटना में भाई की मदद के लिए एंबुलेंस,पुलिस और परिवार को सूचना दे देगी।

संतकबीर नगर और बिहार की बेटियों ने कर दिया कमाल
संतकबीर नगर की रहने वाली किसान पिता धनुषधारी की बेटी पूजा यादव और बिहार निवासी नीरज कुमार ओझा की बेटी विजया रानी अच्छी दोस्त हैं। रक्षा बंधन को देखते हुए उनके मन में ख्याल आया कि इस बार कुछ अलग करते हैं। दोनों बेटियों का कहना था कि कहानियों में सुना था कि राखी के महत्व के बारे में,इसकी फीलिंग को सही साबित करने के लिए स्मार्ट राखी बनाई।

सेट कर सकते हैं 3 नंबर
पूजा और विजया रानी ने मिल कर ऐसी राखी बनाई है जो मुसीबत में बहन-भाई दोनों की रक्षा करने में मदद करेगी। स्मार्ट राखी भाई के कलाई पर बांध कर अपने मोबाइल के ब्लूटूथ से अटैच कर स्मार्ट राखी के सॉफ्टवेयर में आप अपने परिवार, एम्बुलेंस या पुलिस के 3 नंबर सेट कर सकते हैं। इसके साथ ही इस सॉफ्टवेयर में आप अपना ब्लड ग्रुप, मेडिकल संबंधित जानकारी भी सेव कर सकते हैं।

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एक क्लिक पर डायल हो जाएगा मैसेज
स्मार्ट राखी में एक बटन लगा है। जो मुसीबत के समय दबाने पर परिवार, पुलिस और एंबुलेंस, डॉक्टर को मैसेज के साथ ही लोकेशन भेज देगा। इससे समय मुसीबत में आने वाले व्यक्ति की मदद हो सकेगी। एक्सीडेंट के समय भी ये राखी हाथ में मोबाइल लिए बिना एम्बुलेंस, परिवार के सदस्य और डॉक्टर्स को लोकेशन के साथ कॉल कर सकता है।

राष्ट्रपति और योगी की लगी है फोटो
छात्राओं ने इस स्मार्ट राखी को शानदार लुक और बेहतर प्रमोशन करने के लिए इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की फोटो भी लगाई है। छात्राओं का मानना है कि इससे उनके राखी को प्रमोट करने में और मदद मिलेगी।

बाजार में लाने का होगा प्रयास
दोनों छात्राओं ने बताया कि इस इनोवेशन को स्मार्ट डिजिटल राखी कहा जाता है। इसे अप्रूव के लिए कॉलेज में भेजा गया है। अप्रूव होने के बाद इसका यूज हमेशा हो सकेगा। तब इसका नाम स्मार्ट मेडिकल राखी हो जाएगा।

ITM GIDA के डायरेक्टर डॉ. एनके सिंह ने बताया कि दोनों छात्रों का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है। इन छात्राओं के आइडिया इनोवेशन से देश को और विकासशील बनाने में मदद मिलेगी। हम जल्द ऐसे छात्रों के इनोवेशन को बाजार में लाने का प्रयास करेंगे।

एक हजार में तैयार हो जाएगी राखी
पूजा और विजया ने बताया कि इस राखी को बनाने में करीब 4-5 दिन लगे। एक राखी पर करीब 1 हजार रुपए खर्च हुए। राखी के लिए उपकरण में ब्लूटूथ 3.0 रिसीवर मॉडल, 3.71-4 वोल्टेज बैटरी, माइक्रो यूएसबी और स्विच का इस्तेमाल किया गया है।

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