ट्रांसपोर्ट नगर की जमीन के सीमांकन पर हाईकोर्ट की रोक, किसान हुए खुश

ट्रांसपोर्ट नगर की जमीन के सीमांकन पर हाईकोर्ट की रोक, किसान हुए खुश
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वाराणसी | ट्रांसपोर्ट नगर योजना की जमीन का सीमांकन फिलहाल नहीं कराया जा सकेगा। इस पर प्रयागराज हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। इस से फैसले वाराणसी विकास प्राधिकरण को तगड़ा झटका लगा है। किसानों को बड़ी राहत मिली है। मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी। यह जानकारी किसानों की ओर से हाईकोर्ट में उपस्थित अधिवक्ता अश्विनी कुमार सचान ने दी है।

अधिवक्ता के मुताबिक, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने ट्रांसपोर्ट नगर योजना की जमीन के सीमांकन और लाठीचार्ज पर कड़ी टिप्पणी की और जिम्मेदारों को फटकार भी लगाई। हाईकोर्ट ने कहा कि आप जमीन पर कब्जा लेने जाओगे, किसान अपनी बात कहना चाहेगा तो उसकी नही सुनेंगे और उन्हें मारोगे। इसके साथ कन्नाडाड़ी अधिग्रहीत जमीन के सीमांकन पर रोक लगा दी गई। साथ ही अगली सुनवाई के दौरान पूरी रिपोर्ट तलब की गई। अधिवक्ता ने बताया कि मंगलवार को हुए बवाल और लाठीचार्ज के साथ ही घायलों से संबंधित वीडियो, फोटोग्राफ हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया।

सुनवाई के दौरान वीडीए के अधिवक्ता ने कहा कि जिन किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है, उनकी जमीन का सीमांकन कराके कब्जा लिया जा रहा है। इस पर किसानों के अधिवक्ता ने दलील दी और कहा कि 337 किसानों की जमीन 2012 में ली गई थी। इन्हीं किसानों ने मुआवजा भी लिया है। 857 किसान ऐसे हैं, जिन्होंने किसी तरह का मुआवजा ही नहीं लिया है। इसके बावजूद जमीन कब्जाई जा रही है। किसानों के अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2003 में वीडीए ने बिना मुआवजा दिए ही जमीन की खतौनी में अपना नाम दर्ज करा लिया। भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों की सहमति नही ली गई है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सीमांकन पर रोक लगा दी। इस बीच वीडीए के अधिवक्ता ने अपनी बात रखने का प्रयास किया, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा अगली डेट पर बात रखने को कहा। यहां बता दें कि मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर बैरवन, कन्नाडाड़ी, मिल्कीचक और मोहनसराय गांव के किसान 21 वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और वीडीए के अफसरों के बीच कई चक्र की वार्ता के बाद भी सहमति नही बन पाई है।

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किसानों ने जताई खुशी, वीडीए ने काम रोका

हाईकोर्ट के फैसले के बाद किसान व संगठनों के पदाधिकारियों ने खुशी जताई। गांव की महिलाओं ने न्यायपालिका का धन्यवाद दिया। दूसरी तरफ, हाईकोर्ट का आदेश मिलते ही वीडीए की टीम ने जमीन पर कब्जा लेने की प्रक्रिया भी रोक दी। यह काम सुबह से चल रहा था।


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