राज्यसभा में 119 का जादुई आंकड़ा कैसे होगा पार? दिल्ली सेवा बिल पर इन दलों ने बढ़ाई केजरीवाल की टेंशन
नई दिल्ली। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 यानी राजधानी दिल्ली में अधिकारों से जुड़ा विधेयक लोकसभा से पास हो गया है। गुरुवार को केंद्र सरकार दिल्ली अध्यादेश बिल को लेकर आई,जिसे लोकसभा ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। लोकसभा में सत्तापक्ष के पास पूर्ण बहुमत होने पर बिल का पास होना पहले से ही तय था,लेकिन अब असली खेल राज्यसभा में होना बाकी है।
दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में असली टेस्ट
बिल पर राज्यसभा में होगा नंबर का खेल
NDA के सामने चुनौती, तो AAP को दूसरों से आस
राज्यसभा में होगी असली परीक्षा
राज्यसभा से ये बिल पास होता है, तो 2024 से पहले विपक्षी गठबंधन ‘I-N-D-I-A’ को मिलने वाली ये पहली हार भी होगी। साथ ही केंद्र के मनमुताबिक, दिल्ली के बॉस अरविंद केजरीवाल नहीं,बल्कि उपराज्यपाल बन जाएंगे। हालांकि दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा के अंदर नंबरों का गेम होगा, जिसके पास सबसे ज्यादा नंबर, जीत उसकी। हालांकि ये इतना आसान नजर नहीं पड़ रहा है।
BJP और AAP दोनों के सामने चुनौती
बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA के सामने चुनौती नंबरों की है, जबकि AAP और उसके सहयोगी दलों को अन्य गैर भाजपा दलों से समर्थन की आस है। ऐसे में राज्यसभा के अंदर की मौजूदा स्थिति को समझने की जरूरत है।
राज्यसभा में छूना होगा 119 का आंकड़ा
अभी राज्यसभा के कुल सदस्यों की संख्या 238 है। लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी ने दिल्ली अध्यादेश पर दूरी बनाई तो वो राज्यसभा से भी बायकॉट करेगी, तो ये आंकड़ा 237 हो जाएगा। इस स्थिति में बिल को पास कराने या रोकने के लिए 119 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा। अभी किस दल को कितना समर्थन मिल रहा है, वो आपको बताते हैं…
अध्यादेश का समर्थन करने वाले दल
बीजेपी- 92
AIADMK- 4
RPI (अठावले)- 1
असम गण परिषद- 1
पट्टली मक्कल काची- 1
तमिल मनीला कांग्रेस- 1
नेशनल पीपुल्स पार्टी- 1
मिजो नेशनल फ्रंट- 1
युनाइटेड पीपुल्स पार्टी (लिबरल)- 1
बीजेडी- 9
YSRCP- 9
टीडीपी- 1
एनसीपी (अजित गुट)- 1
अध्यादेश विरोधी दल
कांग्रेस- 31
आम आदमी पार्टी- 10
DMK- 10
TMS- 13
समाजवादी पार्टी- 3
JMM- 2
शिवसेना (उद्धव गुट)- 4
CPI- 2
CPIM- 5
RLD- 1
MDMK- 1
IUML- 1
केरल कांग्रेस (M)- 1
JDU- 5
RJD- 6
NCP (शरद गुट)- 3
इन दलों ने नहीं खोले पत्ते
BRS- 7
JDS- 1
BSP- 1 (बायकॉट की संभावना)
बिल रोक पाना विपक्ष के लिए नामुमकिन जैसा
वैसे राज्यसभा में 119 का संख्याबल न अकेले बीजेपी के पास है और न ही विपक्षी दलों के पास है। लेकिन इन आंकड़ों को जोड़ लिया जाए तो फिलहाल अध्यादेश को राज्यसभा में 123 के करीब सांसद समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं, जबकि विपक्षी दलों वाले ‘I-N-D-I-A’ के पास ये आंकड़ा 100 तक भी नहीं पहुंच सका है।
अगर BRS इस बिल पर विपक्षी दलों का समर्थन करती है, तब भी ये संख्या 105 पहुंच सकती है। हालांकि बीजेडी और YSRCP भी अगर समर्थन करतीं, तो केजरीवाल की जीत पक्की हो सकती थी। हालांकि इन दलों ने टेंशन बढ़ाते हुए NDA का साथ दिया है।
मतलब ये कि एनडीए को चुनौती देने वाले ‘I-N-D-I-A’ के पास सारा जुगाड़ करने के बाद भी 119 के आंकड़े तक पहुंच पाना संभव नहीं है। इस लिहाज से अध्यादेश को रोक पाना विपक्ष के लिए नामुमकिन नजर आ रहा है।