करिअर की चाह में देर से शादी,संतान सुख के लिए एग फ्रीज करा रही लड़कियां
नई दिल्ली। दुनियाभर में महिलाओं के एक वर्ग में एग्स फ्रीज कराने के बढ़ते ट्रेंड के बीच चंडीगढ़ में भी एग्स फ्रीजिंग की मांग बढ़ गई है। चंडीगढ़ की युवतियां करिअर की चाह में देर से शादी कर रही हैं। ऐसे में मां बनने की राह में बाधा ना बने इसके लिए युवतियां अपने एग्स फ्रीजिंग करवा रही हैं। एग फ्रीजिंग की बढ़ती मांग के बीच चंडीगढ़ में भी कई नए सेंटर खुल गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक,उच्च शिक्षा और बेहतर करिअर बनाने के लिए युवतियां अब देर से शादी कर रही हैं। ऐसे में जिस तकनीक का इस्तेमाल गंभीर बीमारी वाले केस में किया जाता था अब वह समान्य जीवन जी रहीं युवितयां कर रही हैं। एग्स फ्रीजिंग तकनीक ना केवल ऐसी युवतियों के लिए जीवन आसान बना रही हैं बल्कि इस तनाव से भी मुक्ति दिला रही है कि उम्र ढलने के बाद वह मां नहीं बन पाएंगी।
50 की उम्र तक मां बनना आसान
इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन (आईएसएआर) चंडीगढ़ शाखा की अध्यक्ष डॉ। निर्मल भसीन का कहना है कि शहर में इस तकनीक का लाभ लेने वाली युवतियों और महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि शादी से पहले एग फ्रीज कराने वाली युवतियों की संख्या शादीशुदा महिलाओं की तुलना में अधिक है। इस तकनीक की मदद से लड़कियां 50 साल की उम्र में भी आसानी से मां बन सकती हैं।
आईएसएआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जीके बेदी कहते हैं कि 34 साल की उम्र के बाद तनाव का स्तर तेजी से बढ़ता है। इसका असर महिलाओं के एग्स पर भी पड़ता है और इससे शरीर में एग्स की संख्या कम होने लगती है। इस कारण मां बनने में कई तरह की परेशानी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए महिलाओं और युवतियों के बीच यह तकनीक काफी चलन में आ गया है।
एग फ्रीजिंग क्या है?
एग फ्रीजिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं के अंडों को निकालकर उन्हें एक विशेष फ्रीजिंग तकनीक के द्वारा सुरक्षित कर लिया जाता है। इस प्रक्रिया को ओसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन भी कहा जाता है। बाद में जब महिला मां बनने का फैसला करती है, तो इन जमे हुए अंडों का इस्तेमाल आईवीएफ प्रक्रिया में किया जा सकता है।
सामान्य तौर पर 39 साल से पहले युवतियों और महिलाओं को अपने अंडे सुरक्षित करा लेने चाहिए क्योंकि फ्रीज किए गए अंडों का उपयोग अगले 15 साल के बीच किया जा सकता है लेकिन कानून 50 साल के बाद इसकी अनुमति नहीं देता है।