वाराणसी में सेफ्टी टैंक बना मासूम की कब्र:ढाई साल की बच्ची की दर्दनाक मौत,लापरवाही…

वाराणसी में सेफ्टी टैंक बना मासूम की कब्र:ढाई साल की बच्ची की दर्दनाक मौत,लापरवाही…
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नई दिल्ली। वाराणसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में सातों महुआ स्थित आश्रम पद्धति स्कूल में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया। स्कूल परिसर में खेल रही दो साल की बच्ची श्रीनिधि पांडेय सेफ्टी टैंक में गिर गई, जिससे उसकी मौत हो गई। यह हादसा स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करता है, क्योंकि सेफ्टी टैंक पिछले छह महीनों से खुला पड़ा था।

दुखद घटना उस समय हुई जब मासूम श्रीनिधि अपने दादा संतोष पांडेय के साथ खेल रही थी। संतोष पांडेय, जो स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, बच्ची को गोद में खिला रहे थे। थोड़ी देर बाद उन्होंने उसे जमीन पर उतारा, और वह अपने पालतू डॉगी के साथ खेलने लगी। खेलते-खेलते डॉगी सेफ्टी टैंक के पास पहुंच गया। मासूम भी उसके पीछे-पीछे चल पड़ी। तभी अचानक उसका पैर फिसला, और वह सेफ्टी टैंक में गिर गई।

15-20 मिनट तक गड्ढे में पड़ी रही बच्ची
करीब 15-20 मिनट तक बच्ची गड्ढे में पड़ी रही। परिवार को जब वह नजर नहीं आई, तो उन्होंने उसे ढूंढना शुरू किया। तभी स्कूल के एक चपरासी ने सेफ्टी टैंक के पास बच्ची का शव पानी में उतराते हुए देखा और शोर मचाया। मौके पर पहुंचे परिवार और स्कूल के अन्य कर्मचारियों ने बच्ची को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

परिवार में मातम,मां का रो-रोकर बुरा हाल
बच्ची की मौत से पूरे परिवार में मातम छा गया। मां डिंपल पांडेय ने बिलखते हुए कहा, “दो साल से मैंने बेटी को एक पल के लिए अकेला नहीं छोड़ा। आज चंद मिनटों के लिए छोड़ा, तो वह हमें हमेशा के लिए छोड़कर चली गई। पति की मौत के बाद उसी के सहारे जिंदा थी।”

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पिता की मौत के बाद दादा-दादी के सहारे थी श्रीनिधि
दो साल पहले श्रीनिधि के पिता विकास पांडेय की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इसके बाद से दादा-दादी ने पोते और पोती की जिम्मेदारी संभाली थी। विकास पांडेय की पत्नी डिंपल पांडेय सरकारी नौकरी की तैयारी कर रही थीं, लेकिन पति की मौत के बाद बच्चों की परवरिश में ही व्यस्त थीं।

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर
ग्रामीणों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सेफ्टी टैंक पिछले छह महीने से खुला पड़ा था, लेकिन इसे बंद करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। घटना के बाद प्रबंधन ने बच्ची के परिवार पर अंतिम संस्कार का दबाव बनाना शुरू कर दिया, ताकि लापरवाही को छुपाया जा सके।

बच्ची के परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते और उसका जलप्रवाह करना चाहते हैं। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद बड़ागांव थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया जाएगा।

घटना से ग्रामीणों में आक्रोश है। लोगों ने स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि स्कूल में बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ते हैं, और इस तरह की लापरवाही भविष्य में भी हादसों को न्योता दे सकती है।

इस दर्दनाक घटना ने स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी और उनकी लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्ची की मौत से परिवार टूट चुका है, और अब देखना होगा कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाता है।

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