क्या फिर फैलने वाली है आंदोलन की आग? SKM कल देशभर में मनाएगा आक्रोश दिवस,26 को ट्रैक्टर मार्च
पंजाब। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर एमएसपी समेत विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब के किसान पिछले 10 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन में अब तक 3 पुलिसकर्मियों और एक किसान की मौत हो चुकी है। इस आंदोलन से संयुक्त किसान मोर्चा अब तक एक तय दूरी बनाकर चल रहा है। वही संयुक्त किसान मोर्चा,जिसने 2 साल दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल लंबा धरना देकर केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने के मजबूर कर दिया था। अब लगता है कि उसकी भी मौजूदा किसान आंदोलन में एंट्री हो गई है। हालांकि उसने यह बात खुलकर नहीं कही है लेकिन गुरुवार को किए गए उसके ऐलानों से यह बात साफ झलक कर बाहर आ रही है।
पंजाब में निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च
पटियाला में आयोजित प्रेसवार्ता में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता निर्मल सिंह ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर एक किसान की मौत के विरोध में कल यानी शुक्रवार को आक्रोश दिवस मनाया जाएगा। देशभर के किसान सड़क पर उतरकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद 26 फरवरी को मोर्चा की ओर से पंजाब में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में किसान अपने ट्रैक्टर लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मार्च निकालकर विरोध जताएंगे। मार्च के दौरान सभी रोड पर एक साइड से ट्रैफिक को ब्लॉक कर दिया जाएगा और बाकी गाड़ियों के लिए केवल एक साइड ही खुली रहेगी।
दिल्ली में 14 मार्च को करेंगे महापंचायत
प्रेसवार्ता में मौजूद SKM के दूसरे नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 14 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में महापंचायत करेगा। यह महापंचायत दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में होगी। इस महापंचायत में देशभर के हजारों किसान शामिल होंगे और अपने हक की आवाज उठाएंगे। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए टिकैत ने पंजाब के किसान की मौत के मामले में गृह मंत्री अमित शाह और हरियाणा के सीएम मनोहरलाल का इस्तीफा भी मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार की लापरवाही और गलत नीतियों की वजह से आंदोलन में शामिल एक किसान को अपनी जान गंवानी पड़ गई है।
अब लड़ाई का समय आ गया-टिकैत
टिकैत ने कहा कि आंदोलन सफल करने के लिए देशभर के सभी किसानों को एकजुट होने की जरूरत है। पंजाब का किसान अलग थलग नही पड़ना चाहिए। अगर सारी जत्थेबंदियां इकठी हो जाएं तो पूरा देश इक्ट्ठा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एक बात पक्की है कि skm किसानों के साथ है। आंदोलन शुरू करने के लिए पंजाब के किसानों का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि अब लड़ाई का समय आ गया है। यह लड़ाई इकट्ठे हुए बिना नहीं जीती जा सकेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस आंदोलन के बहाने सिख कौम को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।
सीएम-गृह मंत्री के खिलाफ दर्ज हो केस
भारतीय किसान यूनियन के नेता और मोर्चा के सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘हरियाणा पुलिस ने पंजाब में प्रवेश किया, हमारे किसानों पर फायरिंग की और हमारे ट्रैक्टर तोड़ डाले। इस घटना में एक किसान की भी मौत हो गई। लिहाजा हरियाणा के सीएम और गृह मंत्री के खिलाफ धारा- 302 के तहत हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए।’
हाईकोर्ट में 29 फरवरी को होगी मामले की सुनवाई
उधर किसान आंदोलन के दौरान एक युवक की मृत्यु की किसी रिटायर्ड जज से जांच कराने की मांग को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। हाईकोर्ट ने मुख्य याचिका के साथ इस याचिका पर सुनवाई करने के आदेश दिए हैं। अब 29 फरवरी को मुख्य याचिका के साथ ही इस रिट पर भी सुनवाई होगी। यह याचिका मोहाली के एडवोकेट हरिंदर सिंह ईशर ने दायर की है। अर्जी में शंभू बॉर्डर पर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे आंसू गैस के गोले और पैलट गन के इस्तेमाल पर सवाल उठाए गए हैं। इसके साथ ही पंजाब सरकार की भूमिका पर उंगली खड़ी की गई है।