इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर ने ली थी अपनी जान,मौत के 7 दिन बाद हुआ खुलासा

इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर ने ली थी अपनी जान,मौत के 7 दिन बाद हुआ खुलासा
ख़बर को शेयर करे

इंग्लैंड। इंग्लैंड के दिग्गज क्रिकेटर ग्राहम थोर्प के मौत को लेकर बड़ा खुलासा है। थोर्प का निधन 5 अगस्त को हुआ था। वह पिछले 2 साल से शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे। उनके निधन ने पूरे क्रिकेट जगत को हैरान कर दिया था। अब 7 दिन बाद उनकी पत्नी अमांडा थोर्प ने बड़ा खुलासा कर दिया है। अमांडा ने बताया कि थोर्प ने अवसाद और चिंता से लंबे समय तक जूझने के बाद खुद की ही जान ले ली।

इंग्लैंड के लिए खेले थे 100 टेस्ट मैच
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल अथर्टन के साथ एक इंटरव्यू में अमांडा ने 5 अगस्त को थोर्प के निधन के बारे में जानकारी शेयर की। थोर्प के निधन की घोषणा सबसे पहले इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने की थी। अमांडा ने बताया कि ग्राहम लंबे समय से मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की चुनौतियों से जूझ रहे थे और आखिरकार उन्होंने अपनी जान ले ली। उन्होंने इंग्लैंड के लिए 100 टेस्ट और 82 वनडे मैच खेले थे। इस दौरान 9 हजार से अधिक रन बनाए थे।

2 साल पहले भी की थी आत्महत्या की कोशिश
बता दें कि थोर्प ने मई 2022 में भी आत्महत्या करने की कोशिश की थी। ‘द टाइम्स’ ने थोर्प की पत्नी के हवाले से कहा, ”अपनी पत्नी और दो बेटियों के होने के बावजूद, जिनसे वह प्यार करते थे और जो उनसे प्यार करती थीं, वह ठीक नहीं हुए। हाल के दिनों में वह बहुत बीमार थे और उन्हें वाकई लगता था कि उनके बिना हम बेहतर रहेंगे। हम इस बात से दुखी हैं कि उन्होंने इस पर अमल किया और अपनी जान ले ली।”

इसे भी पढ़े   हाइवे पर रोंगटे खड़े कर देने वाले हादसे, बेतरतीब खड़े वाहनों से बचने में कई बार पलटी स्कार्पियो-बोलेरो, छह घायल, सीसी फुटेज वायरल

थोर्प की याद में समारोह
फार्नहैम क्रिकेट क्लब और चिपस्टेड क्रिकेट क्लब के बीच मैच शुरू होने से पहले थोर्प की याद में एक समारोह आयोजित किया गया था, जिसमें उनकी पत्नी और उनकी बेटियां किट्टी (22) और एम्मा (19) शामिल हुई थीं। अमांडा ने कहा, ”पिछले कुछ सालों से ग्राहम गंभीर अवसाद और चिंता से पीड़ित थे। इसके कारण उन्होंने मई 2022 में अपनी जान लेने की गंभीर कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें लंबे समय तक आईसीयू में रहना पड़ा।”

थोर्प के नाम पर फाउंडेशन
अमांडा ने आगे कहा, “उम्मीद की झलक के बावजूद वह अवसाद और चिंता से पीड़ित रहे, जो कभी-कभी बहुत गंभीर हो जाता था। हमने एक परिवार के रूप में उनका समर्थन किया और कई उपचारों की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से उनमें से कोई भी वास्तव में काम नहीं आया।” परिवार अब थोर्प के नाम पर एक फाउंडेशन स्थापित करने पर विचार कर रहा है।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *