वाराणसी के हेल्थ सेक्टर में जापान की कम्पनी करेगी बड़ा निवेश, बनाएगी 500 बेड का अस्पताल
– ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के जरिए होगा निवेश
- जापान की निप्पन और कबीरचौरा स्थित कबीर मठ मूलगादी ट्रस्ट के बीच हुआ एमओयू
– संत कबीर सुपर मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के नाम से शिवपुर में खुलेगा विश्व स्तर का अस्पताल
– 500 बेड के इस अफोर्डबल अस्पताल में 200 बेड पर निःशुल्क डायलिसिस की मिलेगी सुविधा
वाराणसी(जनवार्ता)। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में वाराणसी में हेल्थकेयर के क्षेत्र में एक बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) होने जा रहा है। दुनिया के करीब 70 देशों में अस्पतालों का चेन चलाने वाली जापान की निप्पन फार्मास्यूटिकल कंपनी लिमिटेड का वाराणसी के कबीरचौरा स्थित कबीर मठ मूलगादी ट्रस्ट के साथ करार हुआ है। संत कबीर सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के नाम से शिवपुर में विश्वस्तर का अस्पताल खुलेगा। 500 बेड के इस अफोर्डबल अस्पताल में करीब 200 बेड पर निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा होगी।
5 एकड़ पर 557.84 करोड़ से बनेगा अस्पताल
उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार के प्रयासों से वाराणसी में जापान से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ा निवेश होने जा रहा है। करीब 557.84 करोड़ के निवेश से संत कबीर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनेगा। प्रोजेक्ट को कोर्डिनेट कर रही एसेट प्रबंधन कंपनी प्लानर इंडिया ने बताया कि फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के तहत शिवपुर में कबीर मठ मूलगादी ट्रस्ट के करीब 5 एकड़ ज़मीन पर 500 बेड का अस्पताल बनेगा। 10 मंजिल के अस्पताल में दुनिया की सबसे बेहतर सुविधा मिलेगी। अस्पताल में एयर एम्बुलेंस व हेलीपैड भी होगा। निप्पन स्वास्थ्य व फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में जापान की अग्रणी कंपनियों में से एक है। अस्पताल में 20 से अधिक विभाग होंगे जहां करीब हर तरह के रोगियों का इलाज होगा। निर्माण का शुरू होने के क़रीब दो साल बाद अस्पताल बन कर तैयार कर लेने का प्रस्ताव है।
2000 लोगों को सीधे सीधे मिलेगा रोजगार
कबीर मठ के महंत आचार्य संत विवेक दास ने बताया कि संत कबीर सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल अफोर्डेबल अस्पतला होगा। यहाँ काफ़ी सस्ते में इलाज़ होगा और मठ की ओर से गरीबों का निशुल्क इलाज किया जाएगा। यहां एयर एम्बुलेंस के जरिए पूर्वांचल के सुदूर क्षेत्रों में मरीजों को लाया जाएगा। इस हाईटेक अस्पताल के खुलने से सीधे तौर पर 2000 लोगों को रोज़गार मिलेगा, जबकि अपरोक्ष रूप से भी हज़ारों लोगों के लिए व्यापार व रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। साथ ही आधुनिक और बेहतर इलाज मिलने से पूर्वांचल के लोगों को दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।