काशी बनी अयोध्या

नाटी इमली का भरत मिलाप बुधवार की शाम घड़ी की सूइयों ने जैसे ही 4:40 बजाया, पूरा मैदान शांत। साढ़े तीन लाख की भीड़ लेकिन कहीं कोई शोर नहीं। यदुकुल के कंधे पर पुष्पक विमान में विराजमान रघुनायक, माता जानकी और लक्ष्मण। दूसरी ओर काशी बनी अयोध्या में भरत और शत्रुघ्न। हर आंख इस नयनाभिराम पल को अपने हृदय में सहेजने को बेताब। तीन मिनट की इस लीला को देखने के लिए साढ़े तीन लाख की भीड़ मौजूद थी।

चित्रकूट रामलीला समिति का भरत मिलाप देखने के लिए पूरा मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भरा हुआ था। मानस की चौपाइयों के पाठ के बीच यदुवंशियों ने जैसे ही पुष्पक विमान को जमीन पर रखा, राम और लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की ओर दौड़ पड़े। चारों भाइयों के मिलन का यह पल हर कोई दम साधे देख रहा था। वहीं, पश्चिम में भगवान भास्कर भी अपनी सुनहरी किरणों के साथ कुछ पल के लिए थम से गए। राम ने चरणों में गिरे हुए भरत को हृदय से लगाया तो दोनों की अश्रुधाराएं बह निकलीं। चारों भाइयों का मनमोहक मिलाप देखकर नाटी इमली भरत मिलाप मैदान में खड़े लीला प्रेमियों की आंखें भी मानों नम हो गईं। काशी राज परिवार के अनंत नारायण सिंह ने भगवान के स्वरूपों को प्रणाम किया और पं. अभिनव उपाध्याय को सोने की गिन्नी प्रदान की। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने विमान की आरती उतारी। इस दौरान सुबोध अग्रवाल, मोहन कृष्ण अग्रवाल, सत्येंद्र कुमार राय, अशोक सिंह आदि मौजूद रहे।

दोपहर से ही पहुंचने लगे थे श्रद्धालु

इसे भी पढ़े   स्तनपान न कराने का शौक,नवजातों को बना रहा बीमार

काशी के लक्खा मेले में शुमार श्रीचित्रकूट रामलीला समिति के ऐतिहासिक भरत मिलाप को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर 12:00 बजे से ही मैदान में उमड़ने लगी थी। चार बजते-बजते नाटी इमली मैदान श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया।

480 साल पुरानी है लीला

चित्रकूट रामलीला समिति के अध्यक्ष और भरत मिलाप आयोजन के व्यवस्थापक बाल मुकुंद उपाध्याय ने बताया कि मेघा भगत के स्वप्न में भगवान श्रीराम ने आकर दर्शन दिए थे और यहां भरत मिलाप कराने का निर्देश दिया था। मान्यता है कि नाटी इमली के भरत मिलाप में स्वयं भगवान श्रीराम उपस्थित होते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img