काशी के शशांक ने 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल;टीम के साथ पाए सिल्वर

काशी के शशांक ने 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल;टीम के साथ पाए सिल्वर
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वाराणसी। वाराणसी के जिला रायफल क्लब के सदस्य शशांक त्रिपाठी ने एक बार फिर देश में उत्तर प्रदेश का मान बढ़ाया है। केरल के तिरुवनंतपुरम में आयोजित 65वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में सिविलयन व्यक्तिगत स्पर्धा में 50 मीटर राइफल प्रोन कैटेगरी में 621.6 स्कोर के साथ शशांक त्रिपाठी ने गोल्ड मेडल जीता है।

वहीं, सिविलयन टीम स्पर्धा में वाराणसी के ही सूर्यदीप और आगरा के समीर डागर के साथ शशांक त्रिपाठी सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे। शशांक की इस उपलब्धि पर जिला रायफल क्लब के साथ ही काशीवासियों ने खुशी जताई है।

मां-बाप, गुरुजनों और बाबा विश्वनाथ की कृपा है
शशांक ने तिरुवनंतपुरम से फोन पर ‘दैनिक भास्कर’ के साथ अपनी सफलता की खुशी शेयर की। उन्होंने कहा कि “नेशनल लेवल की चैंपियनशिप में परफॉर्म करते हुए कुछ अच्छा हासिल करने पर भला किसे नहीं खुशी मिलेगी। यह सब मेरे माता-पिता, गुरुजनों और बाबा विश्वनाथ की कृपा है कि हम यहां अच्छा परफॉर्म करने में सफल रहे। आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा कि हम अपने रायफल क्लब, काशी और उत्तर प्रदेश के साथ ही देश का नाम रोशन करते रहें।”

2016 से अब तक 32 मेडल जीते
शशांक शेखर त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2015 में उनका शूटिंग करियर शुरू हुआ। 2016 में पहली बार प्री-नेशनल चैंपियनशिप में उन्होंने पहली बार रिकॉर्ड बनाते हुए मेडल जीता। उसके बाद से अब तक स्टेट और नेशनल चैंपियनशिप में वह 32 मेडल जीत चुके हैं। शशांक ने बताया कि उन्हें 50 मीटर राइफल और 300 मीटर बिग बोर राइफल शूटिंग में महारत हासिल है।

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पिता को देख शूटिंग के प्रति हुआ रुझान
वाराणसी के सिगरा क्षेत्र में रहने वाले शशांक त्रिपाठी ने बताया कि “शूटिंग के प्रति उनका रुझान पिता शैलेंद्र प्रकाश त्रिपाठी की सरकारी पिस्टल को देख कर बढ़ा।” शशांक के पिता मौजूदा समय में डिप्टी एसपी के पद पर मिर्जापुर जिले में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि “पापा को हमने जब शूटिंग के बारे में अपने इंट्रेस्ट को बताया तो उन्होंने हमें जबरदस्त तरीके से उत्साहित किया।

हर कदम पर उनके सहयोग और उत्साहवर्धन की वजह से ही आज यहां तक पहुंचा हूं। पापा हमेशा कहते हैं कि जो भी काम करो मन से करो और उसमें अपना बेस्ट दो। पापा की दिखाई राह पर रोजाना चलने का प्रयास करता हूं।”


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