इटली से वाराणसी संस्कृत पढ़ने आई छात्रा से धोखाधडी मामले में सन्यासी को जेल

इटली से वाराणसी संस्कृत पढ़ने आई छात्रा से धोखाधडी मामले में सन्यासी को जेल
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  • वाराणसी । इटली की एक छात्रा जो वाराणसी में संस्‍कृत पढ़ने आई थी उसको धोखा देकर लाखों रुपये ठगने के आरोप में जांच के दौरान पुलिस को पर्याप्‍त साक्ष्‍य मिले तो मुकदमा लिखकर जांच के बाद कोर्ट में केस डायरी सौंपी गई थी। विवेचना के आधार पर विदेशी युवती के धोखाधड़ी का मामला पुष्‍ट होने के बाद मंगलवार को आरोपित संन्‍यासी को जेल भेज दिया गया। 
  • पुलिस के अनुसार इटली की एक छात्रा को शिष्या बनाकर आश्रम लाने के नाम पर लाखों रुपया हड़पने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। अब आरोपित संन्यासी महाराज भरत गिरी की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज हो गई। इस बाबत सिविल जज जूनियर डिवीजन नवम अंबेश कुमार पांडेय की अदालत की ओर से अर्जी खारिज होने के साथ ही उनको न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया गया है।
  • अभियोजन के अनुसार इटली की रहने वाली लाउरा यारटाग्रो ने वर्ष 2020 में दशाश्वमेध थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इस बाबत आरोप लगाया था कि वह संस्कृत पढ़ने के लिए कुछ वर्ष पूर्व वाराणसी आई थी। वर्ष 2004 से 2007 तक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की वह छात्रा थी। वर्ष 2007 में कुंभ के आयोजन में महाराज भरत गिरी से उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने लाउरा यारटाग्रो को शिष्या बनाने की बात कही और उनके उज्जैन जिले के बड़गारा गांव स्थित आश्रम का निर्माण कराया।
  • वहीं वाराणसी के दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के गणेश महाल में आश्रम के लिए एक मकान लिया। इस समय मकान की कीमत करीब 80 लाख रुपये है। पता चला कि इस मकान को बेचने की इन दिनों साजिश चल रही है। महाराज भरत गिरी और अन्य लोग साजिश करके उसको मकान से बाहर निकालना चाहते हैं। इस मामले में वाराणसी पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। कोर्ट में हाजिर होकर जमानत देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने आरोपित की जमानत खारिज करते हुए मंगलवार को जेल भेज दिया।
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