राजस्थान में MP वाला फॉर्मूला! 7 सांसदों को भाजपा ने मैदान में उतारा,क्या PM मोदी ने चला मास्टर स्ट्रोक?

राजस्थान में MP वाला फॉर्मूला! 7 सांसदों को भाजपा ने मैदान में उतारा,क्या PM मोदी ने चला मास्टर स्ट्रोक?
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राजस्थान। राजस्थान में भाजपा ने एमपी फॉर्मूला अपनाया है। 7 कद्दावर सांसदों को पहली लिस्ट में जगह दी है। चौंकाने वाला रही है ये लिस्ट। जिनकी अपेक्षा थी वो शामिल नहीं हैं और कुछ ऐसे हैं जिन्हें उतार कर पार्टी ने जता दिया है कि तैयारी जीत की पूरी है।

क्या है एमपी वाला फॉर्मूला?
कौन हैं वो सांसद जिन पर दिखाया भरोसा?
क्यों होगी कांग्रेस परेशान?

एक बार फिर पीएम मोदी की अगुवाई में भाजपा ने राजनीतिक पंडितों को चौंकाया है। चुनावी तारीखों की घोषणा के महज 5 घंटे के भीतर 41 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। लिस्ट में संकेत और संदेश साफ है। 29 नए लोगों पर दांव लगाया है तो उन भरोसेमंद चेहरों का नाम भी है जिनकी चर्चा कुछ खास नहीं थी।

राजस्थान में 200 विधानसभा सीटें हैं। पहली लिस्ट में 41 नाम है जिसमें 7 सांसद है। यानि चेहरों को लेकर बात अब नहीं होगी। गुटबाजी को लेकर चल रही तमाम आशंकाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है। सात सांसद उतारे हैं। सब एक से बढ़कर एक। जिसमें दीया कुमारी हैं जो रॉयल फैमिली से हैं और जयपुर में अच्छी पकड़ रखती हैं। डॉ किरोड़ी लाल मीणा भी हैं इसमें जो सरकार की नीतियों का डटकर सड़क पर विरोध करते हैं तो राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी शामिल हैं जिनकी पब्लिक इमेज अच्छी है। कुल मिलाकर चेहरे कौन इसे सेकेन्ड्री बताती दिखती है ये फेहरिस्त! जैसा प्रधानमंत्री खुद कह गए थे कि चेहरा सिर्फ कमल है और वही रिफ्लेक्ट भी होता है।

कमजोर सीट पर बड़े खिलाड़ी
इस सूची में 11 ऐसी विधानसभा सीटें शामिल हैं, जहां पिछले तीन बार से भाजपा चुनाव हार रही है। मंडावा एक ऐसी सीट है जिस पर कांग्रेस का दबदबा कायम रहा है। पिता की विरासत को बेटी ने रीटा चौधरी ने संभाला। 2018 चुनावों में हार गई थीं फिर उपचुनाव में जीतीं तो 30,000 वोटों के साथ। इस सीट पर भाजपा ने झुंझुनूं सांसद नरेंद्र कुमार को उतारा है। वहीं अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी को किशनगढ़ से टिकट दिया गया है। पिछले विधानसभा चुनावों में इस सीट पर निर्दलीय संजय टाक का दबदबा था और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को 12 हजार से भी ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी। तो जालौर सांसद देवजी पटेल को सांचौर से खड़ा किया गया है। ये सीट कांग्रेस के हाथ में थी। सुखराम विश्नोई ने 25 हजार से ज्यादा मत हासिल किए थे।

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भाजपा के 24 क्या बिगाड़ेंगे कांग्रेस का खेल!
इनके अलावा भी सीट टू सीट मार्किंग की है। मतलब गहन अध्ययन, मंथन के बाद दिग्गजों की फौज उतार दी है। अभी तो ये शुरुआत भर है और 159 सीटों की लिस्ट आनी बाकी है। लोक सभा चुनावों में 25 में से 24 सांसद भाजपा के ही थी और कांग्रेस के दिग्गज हार मान गए थे। मोदी मैजिक का असर ऑन ग्राउंड दिखा था। इस बार भी मोदी के भरोसे पर भरोसे की उम्मीद पूरी है। कांग्रेस के सामने 24 की चुनौती बड़ी चुनौती साबित हो सकती है। हो सकता है कि सांसद, मंत्रियों की पूरी फौज उतार दी जाए और कांग्रेस के लिए उसकी काट मुश्किल हो जाए। चुनावी समर में इन्हें उतार बीजेपी अच्छा खासा मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकती है। 21 नए चेहरे भी हैं और 4 महिलाएं भी इस फेहरिस्त में हैं।

अटैक इज द बेस्ट डिफेंस…
मध्य प्रदेश में भाजपा ने 7 सांसदों को चुनावी समर में उतारा है। इनमें केन्द्रीय मंत्री भी शामिल हैं। सांसदों से विधायकी लड़वाने का फॉर्मूला पार्टी ने राजस्थान में जारी की गई पहली लिस्ट में भी अपनाया है। मैसेज फिर है कि कोई भी विपक्षी उनके लिए हल्का नहीं है और फाइट जोरदार देने के लिए वो फ्रंटफुट पर खेलने को तैयार हैं। अटैक इज द बेस्ट डिफेंस की तर्ज पर कदम आगे बढ़ा दिया है।


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