नए वेरिएंट से लड़ने में कारगर होगी नेजल वैक्सीन, जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें

नए वेरिएंट से लड़ने में कारगर होगी नेजल वैक्सीन, जानें इससे जुड़ी सभी जरूरी बातें
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नई दिल्ली । कोरोना के नए वेरिएंट ने एक बार फिर लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। ओमिक्रॉन BF.7 ने चीन समेत दुनिया के कई देशों में हालात काफी गंभीर बना दिए हैं। ऐसे में अब भारत में भी इसे लेकर अलर्ट जारी हो चुका है। हाल ही में सामने आई खबरों के मुताबिक जनवरी के मध्य में कोरोना एक बार फिर भारत में रफ्तार पकड़ सकता है। ऐसे में सरकार इसे लेकर पहले ही अलर्ट मोड में आ चुकी है। इसी बीच अब कोरोना से बचने के लिए एक नई वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। जनवरी के चौथे सप्ताह से वयस्कों के लिए भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन बूस्टर शॉट के रूप में उपलब्ध होगी। इस वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। तो चलिए जानते हैं नेजल वैक्सीन से जुड़ी जरूरी बातों के बारे में-

नेजल वैक्सीन क्या है

नेजल वैक्सीन अपनी तरह की एक अनूठी और पहली कोविड वैक्सीन है, जिसमें इंजेक्शन की आवश्यकता नहीं होती है। इस वैक्सीन को भारत बायोटेक और अमेरिका की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी द्वारा मिलकर बनाया है। पहले इसे BBV154 नाम दिया गया था, लेकिन अब इसका नाम बदलकर iNCOVACC कर दिया गया है। अक्सर वैक्सीन का नाम सुनते ही दिमाग में सुई की तस्वीर आने लगी है। लेकिन पारंपरिक वैक्सीन से अलग नेजल वैक्सीन को हाथ पर सुई लगाने की जगह नाक में स्प्रे किया जाएगा। दरअसल, अभी तक हुई कई शोध में यह सामने आया है कि कोरोना नाक से ही शरीर में प्रवेश करता है। ऐसे में अगर नाक से वैक्सीन दी जाए, तो यह काफी असरदार होगी। हालांकि, जिन लोगों को पहले ही बूस्टर डोज लग चुका है, उन्हें नेजल वैक्सीन नहीं दी जाएगी।

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कैसे काम करेगी नेजल वैक्सीन

सामान्य तौर पर वायरस नाक के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करता है। कोरोना समेत कई वायरस शरीर में मौजूद म्युकोसा के जरिए हमारे अंदर एंट्री लेते हैं। म्युकोसा एक तरह का चिपचिपा पदार्थ होता है, जो आमतौर पर हमारी नाक, फेफड़ों और पाचन तंत्र में पाया जाता है। ऐसे में नेजल वैक्सीन को ज्यादा असरदार बनाने के लिए इसे नाक से दिया जाएगा। नाक से दिए जाने की वजह से यह सीधा म्युकोसा में ही इम्युनिटी पैदा कर देगी। इस वैक्सीन को 0.5 मिली खुराक के रूप में नाक में दोनों तरफ 4-4 बूंदों में दिया जाएगा। इस प्रक्रिया को 4 सप्ताह के अंतराल के बाद दोहराया जाता है।

नेजल वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स

नेजल वैक्सीन को मंजूरी मिलने से पहले इसे यह तीन फेज के ट्रायल में असरदार पाया गया है। ऐसे में इस वैक्सीन के कोई खतरनाक साइड इफेक्ट्स सामने नहीं आए हैं। हालांकि, इसे लगवाने पर सिरदर्द, बुखार, बहती नाक और छींक जैसे लक्षण दिख सकते हैं। इसके अलावा यह वैक्सीन ऐसे लोगों के नहीं दी जानी चाहिए, जिन्हें इसके किसी घटक से एलर्जी है। बूस्टर डोज के रूप में मंजूरी मिलने के बाद यह वैक्सीन कोविन पोर्टल पर लिस्टेड हो गई है। ऐसे में अगर आप बूस्टर डोज के लिए अपॉइंटमेंट बुक कर रहे हैं, तो नेजल वैक्सीन का ऑप्शन चुन सकते हैं।


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