वाराणसी के गंगा में नदी में बढ़ी डॉल्फिन की संख्या

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 गंगा नदी में बीते दिनों लगातार गंगा का जलस्‍तर बढ़ा होने की वजह से नदी का पर्यावास लंबे समय के बाद प्रवाह की वजह से बेहतर हुआ है। गंगा नदी में लगातार बेहतर पर्यावरण होने की वजह से गंगा नदी में गंगा डा‍ल्फिनों की संख्‍या में भी पर्याप्‍त इजाफा देखा जा रहा है। खासकर गंगा में मत्‍स्‍य आखेट पर प्रतिबंध और निगरानी किए जाने की वजह से भी गंगा का पर्यावास काफी बेहतर हुआ है। 

वाराणसी में काशी क्षेत्र के आसपास की गणना में गंगा गोमती संगम कैथी आदि क्षेत्रों में गंगा डा‍ल्फिन की संख्‍या में इजाफा दर्ज किया गया है। वाराणसी में खासकर गंगा के संगम स्‍थलों के अलावा नदी के चौड़े पाट वाले इलाकों में अठखेलियां करते हुए डा‍ल्फिन की यह संख्‍या में इजाफा सरकार के लिए भी बेहतर परिणाम देने वाला साबित हो रहा है। इस बाबत वाराणसी में सफल परियोजना के परिणाम ने सरकार को भी उत्‍साह से लबरेज किया है। इस बाबत यूपी पर्यटन की ओर से भी पोस्‍टर जारी कर डा‍ल्फिन की संख्‍या में इजाफा होने की जानकारी साझा की गई है

जारी पोस्‍टर में सीएम योगी आदित्‍यनाथ के हवाले से बताया गया है कि – ”डॉल्फ़िन के संरक्षण के लिए सरकार ने भगवान श्री राम के प्रिय मित्र निषादराज के क्षेत्र का चयन किया था। अब काशी में भी गंगा में डॉल्फिन दिखने लगी हैं। इनके संरक्षण के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।” दरअसल सरकार के प्रयासों की वजह से नाविकों के जरिए डा‍ल्फिन के संरक्षण के लिए कदम उठाए जा रहे थे। गंगा में मत्‍स्‍य आखेट पर प्रतिबंध होने के साथ ही ऐसे इलाकों में नौका संचालन बंद किए जाने की वजह से गंगा गोमती संगम स्‍थली पर भी छूंस (सूंस) की संख्‍या में इजाफा देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अब गंगा में इनकी संख्‍या पर्याप्‍त हो चुकी है। 

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