पाकिस्तान हो गया है बर्बाद! विदेशी मुद्रा की कमी के कारण फैक्ट्रियां हो रही बंद
नई दिल्ली। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान 75 सालों में सबसे बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है और देश के पास आयात के लिए नकदी की कमी हो गई है। ऐसे में कच्चे माल की कमी के कारण कई बड़ी फैक्ट्रियों ने काम करना बंद कर दिया है। कई बड़ी कंपनियों ने यह ऐलान किया है कि वह अपने संचालन को कच्चे माल की कमी के कारण बंद कर रही हैं।
किन कंपनियों पर लगे ताले
सुजुकी मोटर ने यह ऐलान किया है कि वह पाकिस्तान स्थित अपने प्लान के कामकाज को 21 फरवरी,2023 तक के लिए बंद कर रहा है। कंपनी ने बताया कि उसके प्लांट में कई जरूरी चीजों खत्म गई है और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण गाड़ियों के पार्ट्स का आयात नहीं हो पा रहा है। ऐसे में कंपनी ने कुछ दिनों के लिए प्लांट के संचालन को बंद कर दिया है। इसके अलावा धागों का निर्माण करने वाली कंपनी खालिद सिराज टेक्सटाइल मिल्स ने भी घोषणा की है कि वह अपने फैक्ट्रियों को 31 मार्च 2023 तक के लिए बंद कर रही है। कंपनी ने यह जानकारी पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज को दी है।
गहराते आर्थिक संकट को देखते हुए टायर और ट्यूब बनाने वाली कंपनी घंधारा टायर एंड रबर कंपनी लिमिटेड ने भी 13 फरवरी से तक अपनी फैक्ट्री के कामकाज को बंद कर दिया था। कंपनी ने ऐलान किया है कि वह दोबारा काम 20 फरवरी से शुरू करेगी। इसके अलावा देश में फर्टिलाइजर,स्टील और टेक्सटाइल की कई फैक्ट्रियों ने काम करना बंद कर दिया है।
देश में है कच्चे माल कमी
पाकिस्तान की ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि उन्हें काम करने के लिए कच्चे माल को विदेशों से मंगवाना पड़ता है। ऐसे में फॉरेक्स रिजर्व की कमी के कारण उन्हें माल मंगाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनियों को पेमेंट क्लियर न होने के कारण उनका माल बंदरगाहों पर पड़ा हुआ है। ऐसे में देश में बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है और टैक्सटाइल सेक्टर में काम करने वाले 70 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं।
पाकिस्तान में लगातार बढ़ रही महंगाई
देश के बिगड़े आर्थिक हालात का असर आम जनता पर देखा जा सकता है। महंगाई ने पाकिस्तान में कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिया है। खाने, पीने से लेकर दवाइयां तक महंगी कई गुना तक महंगी हो गई है। देश की मुद्रास्फीति दर 48 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बढ़कर 27.6 फीसदी तक पहुंच गया है। वहीं थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 28.5 फीसदी तक पहुंच गया है। ऐसे में देश में खाने,पीने की चीजों से लेकर दवाई आदि तक महंगी हो गई है। जनवरी में पाकिस्तान में 20 किलो आटे का दाम 1,164 रुपये तक पहुंच गया था और दिसंबर की तुलना में यह 50 फीसदी तक महंगा हो गया था।