पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर जुल्म! कट्टरपंथियों ने 3 इबादतगाहों में किया तोड़फोड़

पाकिस्तान में अहमदिया मुसलमानों पर जुल्म! कट्टरपंथियों ने 3 इबादतगाहों में किया तोड़फोड़
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पाकिस्तान। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर फिर से हमले का मामला सामने आया है। पंजाब प्रांत के अलग-अलग जिलों में कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के सदस्यों ने अल्पसंख्यक समुदाय अहमदिया की 3 इबादतगाहों की मीनारों को तोड़ दिया। उनका आरोप है कि ये मीनारें मस्जिदों की प्रतीक हैं।

इससे पहले हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए करीब दो हफ्ते पूर्व अहमदिया समुदाय की एक इबादतगाह की मीनारों को तोड़ दिया गया था। हाई कोर्ट ने 1984 से पहले अल्पसंख्यक समुदाय के उपासना स्थलों के खिलाफ इस तरह के कार्यों पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान की संसद ने 1974 में अहमदिया समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था। यहां तक कि उनपर खुद को मुस्लिम कहने पर भी बैन लगा दिया गया है।

तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के लोगों ने की तोड़फोड़
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान के पदाधिकारी आमिर महमूद ने सोमवार (18 सितंबर) को कहा कि पिछले कुछ दिनों के दौरान शेखपुरा,बहावलनगर और बहावलपुर जिलों में अहमदिया समुदाय की इबादतगाहों की मीनारों को मुस्लिम मस्जिद जैसा बताते हुए तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कार्यकर्ता उनमें घुसे और उन मीनारों को तोड़ दिया।

इन हालिया घटनाओं के साथ,इस साल अब तक पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में अहमदिया समुदाय की इबादतगाहों पर कट्टरपंथी इस्लामियों के तरफ से हमला करने या पुलिस के तरफ से उन्हें ध्वस्त किए जाने की घटनाओं की संख्या बढ़कर 31 हो गई है।

पुलिस ने एक्शन नहीं लिया
पाकिस्तान के पदाधिकारी आमिर महमूद ने कहा,“जब TLP के कार्यकर्ता अहमदिया समुदाय के इन तीन इबादतगाहों में घुसे तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए कुछ नहीं किया। अहमदिया समुदाय को पाकिस्तान में रहने वाले नागरिक के तौर पर उनके बुनियादी अधिकारों से भी महरूम किया जा रहा है। दुख की बात यह है कि पुलिस भी इन कामों को अंजाम देने में सबसे आगे रही है।”

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उन्होंने कहा कि लाहौर हाई कोर्ट ने हाल के अपने फैसले में साफ कहा है कि अहमदिया समुदाय की इबादतगाहों में 1984 से पहले बनी मीनारों को बदलने की जरूरत नहीं है। महमूद ने कहा,“ये इबादतगाहें 1984 से पहले बनी हैं।”

अहमदिया समुदाय के लोगों की संख्या 10 लाख
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने कहा कि अहमदिया समुदाय के इबादतगाह के एक हिस्से को नष्ट करना लाहौर हाई कोर्ट के हालिया फैसले का खुला उल्लंघन है। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान ने कहा कि अहमदिया समुदाय के लिए स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है,जो पहले से देश में हाशिये पर हैं। जमात ने कहा,“अहमदिया समुदाय दुष्ट तत्वों के हाथों उत्पीड़न का सामना कर रहा है।

पाकिस्तान के अलग-अलग इलाकों में इबादतगाह को अपवित्र करने की घटनाएं लगातार जारी हैं। इसे रोकने के लिए पुलिस अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं। अहमदिया समुदाय पर उपदेश देने और सऊदी अरब जाकर हज व उमरा करने पर रोक है। पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय के लोगों की संख्या करीब 10 लाख है,जबकि गैर-आधिकारिक आंकड़ा उससे कहीं ज़्यादा है।


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