शाहरुख,सलमान और आमिर के नाम इस्तेमाल कर बनाई करोड़ों की प्रॉपर्टी,विदेशों से भी थी फंडिंग
नासिक। नासिक के येवला में अफगानी मूल के ‘रिफ्यूजी’ ख्वाजा सैयद चिश्ती उर्फ जरीफ बाबा की मंगलवार देर रात हुई हत्या के मामले में एक शख्स को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य आरोपियों की तलाश में तीन टीमों को लगाया गया है,इनमें से एक टीम जल्द ही उत्तर प्रदेश जाने वाली है।
इस बीच जांच में यह सामने आया है कि 35 वर्षीय जरीफ बाबा बॉलीवुड के तीनों खान के नाम का इस्तेमाल कर करोड़ों की कमाई कर रहे थे। अपने वीडियो में वे शाहरुख, सलमान और आमिर खान की तस्वीर और उनके एडिटेड वीडियो का इस्तेमाल कर यह बताने का प्रयास करते थे कि ‘खान’ स्टार्स उन्हें और उनकी बातों को मान कर इतने बड़े बने हैं।
इन वीडियोज के सहारे बाबा के फॉलोअर्स और कमाई तेजी से बढ़ी। इसके बाद वे IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के रडार पर आ गए थे। वावी पुलिस ने साल 2021 में जरीफ बाबा, उनकी पत्नी और ड्राइवर गफ्फार की जांच करके एक रिपोर्ट 22 अप्रैल 2021 को इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को सौंपी थी।
नासिक पुलिस के मुताबिक सूफी जरीफ बाबा की हत्या में उनके ड्राइवर के अलावा उनका अटेंडेंट भी शामिल था। इन्होंने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया और बाबा की एसयूवी कार (MH 43 BU 7886), दो मोबाइल फोन लेकर फरार हो गए।
फिल्म स्टार्स के नाम का इस्तेमाल करने से तेजी से बढ़े फॉलोअर्स
शाहरुख,सलमान और आमिर खान के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल करने की वजह से कुछ ही समय में बाबा के सब्सक्राइबर की संख्या लाखों में पहुंच गई। उनके एक यूट्यूब चैनल पर 2 लाख 27 हजार, फेसबुक पर 5 लाख और इंस्टाग्राम पर 17.5 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे। उनके चाहने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। सिर्फ यूट्यूब पर उनके 6 करोड़ से ज्यादा व्यू थे। बाबा के नाम पर दो और यूट्यूब चैनल भी हैं। माना जा रहा है कि ये चैनल भी जरीफ बाबा की कमाई का सबसे बड़ा माध्यम थे।
जरीफ बाबा की स्टाइल के मुरीद हो रहे थे लोग
जरीफ बाबा अपनी बोलने की शैली, लुक और लोगों के इलाज करने के तरीके की वजह से आम लोगों में तेजी से फेमस हो रहे थे। उनके वीडियोज में उन्हें सूफी लिबास में डांस करते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा वे झाड़फूंक के जरिए महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के इलाज का दावा करते थे। यही वजह है कि देशभर से लोग उनसे मिलने के लिए आने लगे थे।
कुछ धार्मिक संस्थाएं भी कर रहीं थीं आर्थिक मदद
बाबा को अपने यूट्यूब चैनल के साथ-साथ कुछ धार्मिक संगठनों से भी बड़ी रकम मिल रही थी। जांच में सामने आया है कि पिछले चार सालों में बाबा की चल-अचल संपत्ति में बेतहाशा वृद्धि हुई, जिससे उनके कई दुश्मन बन गए थे। इनमें से ज्यादातर प्रॉपर्टी बाबा के करीबियों के नाम पर खरीदी गई थीं।
एसपी सचिन पाटिल ने बताया, ‘चूंकि सूफी बाबा शरणार्थी थे, इसलिए वह यहां संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। उनके पास बैंक खाते नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने एक करीबी के नाम पर बैंक खाता खोला। किसी और के नाम पर एक एसयूवी 500 खरीदी। इसलिए यह ट्रैक करने में थोड़ा समय लग सकता है कि बाबा के पास कितनी प्रॉपर्टी थी।’
जरीफ बाबा के पास 4 करोड़ की प्रॉपर्टी का पता चला
बाबा की आय का स्रोत सोशल मीडिया में डाले उनके वीडियो थे। जरीफ बाबा अलग-अलग दिन नासिक, कर्नाटक और अजमेर की मजारों में जाया करते थे। वहां बाबा से मिलने हजारों लोग आया करते थे। यह भी उनकी कमाई का एक बड़ा जरिया थे।
सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में बाबा के पास 4 करोड़ की प्रॉपर्टी थी। कुछ दिन पहले बाबा ने येवला में 15 एकड़ की जमीन खरीदी थी। यह कहा जा रहा है कि यहीं बाबा अपना स्थाई ठिकाना बनाना चाहते थे। बाबा ने कुछ दिन पहले ही कीमती स्टोन बेचने का बिजनेस भी शुरू किया था।
अपनी कथित पत्नी के साथ एक बंगले में रह रहे थे जरीफ बाबा
नासिक ग्रामीण पुलिस के एसपी सचिन पाटिल ने बताया कि जरीफ चिश्ती दो साल से अधिक समय से वावी थाना क्षेत्र के मीरगांव शिवारा में एक बंगले में रह रहे थे। बाबा के लिए कहा जाता था कि उन्होंने अर्जेंटीना मूल की 28 वर्षीय तिरिना दाऊदी से शादी की थी।
हालांकि, पुलिस को उनके पास से कोई मैरिज सर्टिफिकेट अभी तक बरामद नहीं हुआ है। महिला को हिंदी, इंग्लिश या मराठी नहीं आती है, इसलिए उससे ज्यादा पूछताछ नहीं हो सकी है। महिला के पास साल 2023 तक भारत में रहने का वीजा है। इस वारदात के बाद नासिक पुलिस ने महिला की सुरक्षा बढ़ा दी है।
हत्या वाली जगह से मिली तंत्र-मंत्र की सामग्री
ख्वाजा सैयद चिश्ती को येवला में सूफी बाबा के नाम से जाना जाता था। बाबा की हत्या येवला कस्बे के एमआईडीसी इलाके में एक जंगल के अंदर खुले मैदान में हुई है। मौके से पुलिस को कुछ अगरबत्ती, सिंदूर और झाड़फूंक में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी बरामद हुई है। इसलिए पुलिस तंत्र-मंत्र के एंगल से भी इस मामले की जांच कर रही है। सचिन पाटिल ने बताया कि मुस्लिम धर्मगुरु के सिर में गोली मारी गई, जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
दो और लोगों को मारना चाहते थे आरोपी
येवला तालुका के औद्योगिक उपनगर चिचोंडी खुर्द में मंगलवार शाम जरीफ चिश्ती बाबा की हत्या कर दी गई थी। इस संबंध में पुलिस ने अफजल अहमद खान कुर्बान खान (34) की शिकायत पर आईपीसी की धारा 302, 307, 120 (बी), 34 और 3/25 के तहत मामला दर्ज किया है। बाबा के सिर में नजदीक से गोली मारी गई। शिकायतकर्ता ने कहा है कि आरोपियों ने उन्हें और उनके भाई को भी मारने की कोशिश की, लेकिन वे भाग गए।
चिश्ती ने तालिबान के डर से छोड़ा था अफगानिस्तान
भारत सरकार द्वारा दिए गए शरणार्थी के दर्जे पर चार साल पहले चिश्ती भारत आए थे। जांच में सामने आया है कि अफगानिस्तान से आने के बाद बाबा कुछ दिन दिल्ली, फिर कर्नाटक और अब पिछले डेढ़ साल से नासिक के येवला के एक छोटे से गांव में रह रहे थे। बाबा खुद को मोईनुद्दीन चिश्ती का वंशज बताते थे। भारत में वे तालिबान द्वारा फांसी का डर बता कर ‘शरणार्थी’ बनने में कामयाब हुए थे।