डबल मर्डर केस में आरजेडी नेता प्रभुनाथ सिंह दोषी करार,वोट ना देने पर करा दी थी हत्या

डबल मर्डर केस में आरजेडी नेता प्रभुनाथ सिंह दोषी करार,वोट ना देने पर करा दी थी हत्या
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नई दिल्ली। राष्‍ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोहरे हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। 2 सितंबर को सजा पर बहस होगी। आपको बता दें कि मामला 1995 का है। प्रभनाथ सिंह पर आरोप है कि कहे अनुसार वोट नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय (47) और दारोगा राय (18) की हत्या करवा दी थी।

1995 के डबल मर्डर केस में प्रभुनाथ सिंह दोषी करार
पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलटा

महाराजगंज लोकसभा सीट से चार बार रहे हैं सांसद
आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह ने रिहाई के आदेश को सही ठहराया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को प्रभुनाथ सिंह को पेश करने कहा है जो इस समय एक दूसरे मर्डर केस में जेल में ही सजा काट रहे हैं।

तीन बार आरजेडी और एक बार जेडीयू से रहे हैं सांसद
बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जेडीयू और एक बार आरजेडी के टिकट पर सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह पर 1995 में मसरख के एक मतदान केंद्र के पास तब 47 साल के दारोगा राय और 18 साल के राजेंद्र राय की हत्या का आरोप था। आरोप था कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित कैंडिडेट को वोट नहीं दिया इसलिए उनकी हत्या कर दी गई। मृतक के भाई द्वारा गवाहों को धमकाने की शिकायत के बाद इस केस को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया जहां अगला इसका ट्रायल हुआ।

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पटना की अदालत ने कर दिया था बरी
2008 में पटना की अदालत ने सबूतों अभाव में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया। 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही ठहरा दिया। इसके बाद मृतक राजेंद्र राय के भाई ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनोती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया। कोर्ट ने कहा कि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। केस के बाकी आरोपियों को रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया।

कोर्ट ने सजा पर बहस के लिए 2 सितंबर की तारीख दी है जिस दिन प्रभुनाथ सिंह को पेश करने का आदेश बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिया गया है। प्रभुनाथ सिंह इस समय 1995 के ही एक मर्डर केस में सजा काट रहे हैं। मसरख के विधायक अशोक सिंह की 1995 में हत्या हो गई थी जिन्होंने चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हराया था । चुनावी हार के बाद प्रभुनाथ सिंह ने कथित तौर पर कहा थ तीन महीने के अंदर अशोक सिंह को मार देंगे। अशोक सिंह की हत्या उनके घर पर दिनदहाड़े कर दी गई थी।

इस केस में 2017 में प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया गया और उसी केस वो इस समय जेल में सजा भुगत रहे हैं। राजनीति में प्रभुनाथ सिंह पहले आनंद मोहन के साथ थे लेकिन बाद में नीतीश कुमार के साथ आ गए। नीतीश से विवाद के बाद 2010 में प्रभुनाथ सिंह लालू यादव के साथ हो लिए।

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