Shardiya Navratri 2023: सुख सौभाग्य के लिए मां को नौ दिन लगाएं ये भोग
शारदीय नवरात्र में 15 से 23 अक्तूबर तक माता के नौ स्वरूपों के दर्शन पूजन के लिए भक्तों की कतार लगेगी। प्रतिपदा को मां शैलपुत्री के दर्शन पूजन के साथ ही भक्त नवरात्र का व्रत आरंभ करेंगे।
नवरात्र में काशी में नौ दुर्गा मंदिरों में दर्शन पूजन का विधान है। भक्त प्रतिपदा के दिन अलईपुरा स्थित माता शैलपुत्री, दूसरे दिन दुर्गाघाट स्थित ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन लक्खीचौतरा स्थित मां चंद्रघंटा, चौथे दिन दुर्गाकुंड स्थित मां कूष्मांडा, पांचवें दिन जैतपुरा स्थित मां बागेश्वरी देवी, छठवें दिन संकठा मंदिर के पास गली में स्थित कात्यायनी देवी, सातवें दिन कालिका गली स्थित कालरात्रि, आठवें दिन विश्वनाथ गली में महागौरी और नौवें दिन गोलघर स्थित माता सिद्धिदात्री के दर्शन पूजन करेंगे। सभी मंदिरों में रंग-रोगन के साथ ही भीड़ प्रबंधन के इंतजाम भी किए जा रहे हैं।
नगर आयुक्त शिपू गिरी ने बताया कि मंदिरों के आसपास सफाई के लिए टीमें लगा दी गई हैं। नवरात्र भर विशेष सफाई अभियान के साथ ही प्रकाश की उचित व्यवस्था रहेगी। मंदिरों से निकलने वाले निर्माल्य का भी निस्तारण कराया जाएगा। सैनिटाइजेशन के साथ ही नियमित रूप से फॉगिंग भी कराई जाएगी।
नवदुर्गा को नौ दिन करें अर्पित भोग प्रसाद
नवरात्र में नौ दिन तक माता को अलग-अलग भोग व प्रसाद अर्पित किया जाता है। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि श्रद्धालु नौ दिनों तक माता को अलग-अलग भोग व प्रसाद अर्पित करके सुख सौभाग्य की कामना कर सकते हैं।
प्रथम दिन– उड़द, हल्दी, माला-फूल
द्वितीय दिन– तिल, शक्कर, चूड़ी, गुलाल, शहद
तृतीय– लाल वस्त्र, शहद, खीर, काजल
चतुर्थ–दही, फल, सिंदूर, मसूर
पंचम–दूध, मेवा,कमलपुष्प, बिंदी
षष्ठी चुनरी, पताका, दूर्वा
सप्तमी–बताशा, इत्र, फल-पुष्प
अष्टमी–पूड़ी, पीली मिठाई, कमलगट्टïा, चंदन, वस्त्र
नवमी–खीर, सुहाग सामग्री, साबूदाना, अक्षत फल, बताशा