सिद्धू के करीबी मनप्रीत बादल ने राहुल को भेजा इस्तीफा,बीजेपी में हुए शामिल

सिद्धू के करीबी मनप्रीत बादल ने राहुल को भेजा इस्तीफा,बीजेपी में हुए शामिल
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नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस से बहुत बड़ी खबर सामने आई है। खबर यह कि पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता और नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी मनप्रीत बादल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजा है। राहुल गांधी को अपना इस्तीफा भेजने के तत्काल बाद पूर्व कांग्रेस नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल भी हो गए। वह पंजाब की कांग्रेस सरकार मे वित मंत्री रह चुके हैं। शिरोमणि अकाली दल सरकार में भी वह वित्त मंत्री का पद संभाल चुके हैं।

भारत जोड़ो यात्रा के बीच मनप्रीत बादल के इस फैसले से पंजाब में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी का साथ छोड़ा था। वहीं इससे पहले दिग्गज नेता सुनील जाखड़ भी पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कल ही पंजाब से हिमाचल पहुंची है। इस बीच राहुल की यात्रा के जाते ही मनप्रीत बादल के इस्तीफे से कांग्रेस को झटका लगा है।

कौन हैं मनप्रीत बादल
कांग्रेस नेता व पंजाब के पूर्व मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का जन्म 26 जुलाई, 1962 को मुक्तसर में हुआ था। वह पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं। वर्तमान में वह पंजाब पीपुल्स पार्टी के नेता हैं। वह 1995 से 2012 तक पंजाब विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने 2007 से 2010 तक प्रकाश सिंह बादल और कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं।

पहली बार 1995 में अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। वह 1997, 2002 और 2007 में गिद्दड़बाहा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार चुने गए। साल 2007 में उन्हें प्रकाश सिंह बादल सरकार में वित्त मंत्री बनाया गया। केंद्र की ओर से बाकी पार्टी के साथ कर्जमाफी की पेशकश को लेकर मतभेदों के बाद उन्हें इस पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें अक्टूबर 2010 में शिरोमणि अकाली दल से निष्कासित कर दिया गया।

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साल 2011 में उन्होंने पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब नामक एक नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया। 2012 के पंजाब चुनावों में उनकी पार्टी ने सीपीआई, सीपीएम और शिरोमणि अकाली दल (लोंगोवाल) के साथ राजनीतिक गठबंधन किया, जिसमें बादल मुख्यमंत्री पद के लिए उनके उम्मीदवार थे। उन्होंने गिदड़बाहा और मौर निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा,पर दोनों सीटों से हार गए।

15 जनवरी 2016 को मनप्रीत ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। कांग्रेस ने उन्हें बठिंडा शहरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का टिकट देकर सम्मानित किया। मार्च 2017 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी से अपने प्रतिद्वंद्वी को 18,480 वोटों से हराकर सीट जीती। 2022 के चुनावों में वह आम आदमी पार्टी से 63,581 वोटों से हार गए, जो 2022 के पूरे पंजाब चुनावों में किसी भी उम्मीदवार द्वारा हारे गए सबसे अधिक अंतर है।


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