पेरिस में विनेश फोगाट के साथ क्या-क्या हुआ? खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में बताया
नई दिल्ली। भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट को अपने भार वर्ग से अधिक वजन के कारण ओलंपिक में रेसलिंग के फाइनल मुकाबले के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। वह महिला कुश्ती के 50 किलोग्राम वर्ग के मुकाबले का फाइनल खेलने वाली थीं। बताया गया कि केवल 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण विनेश फोगाट ओलंपिक में अयोग्य घोषित हो गईं। अब इसको लेकर खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने संसद में सरकार की तरफ से बात रखी है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके साथ क्या-क्या हुआ है।
असल में लोकसभा में बोलते हुए खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने विनेश फोगाट के मामले में सदन में दिये बयान में कहा कि आईओए की प्रमुख पीटी उषा पेरिस में ही हैं और प्रधानमंत्री ने उनसे खुद बात की है। मांडविया के अनुसार, प्रधानमंत्री ने पीटी उषा को कहा है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करें। विनेश को महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाये जाने के कारण बुधवार को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया।
फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला
उन्होंने आगे कहा कि विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था । सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था लेकिन अब वह बिना किसी पदक के लौटेंगी । मांडविया ने कहा कि सरकार ने विनेश फोगाट को सभी प्रकार की खेल सुविधाएं एवं हर स्तर पर प्रशिक्षण उपलब्ध कराये हैं। उन्होंने कहा कि विनेश को पेरिस ओलम्पिक के लिए 70 लाख 45 हजार 775 रुपये की सहायता दी गयी है।
संसद के शून्यकाल में उठा मुद्दा
दरअसल विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने की खबर आने के बाद सदन में शून्यकाल के दौरान कुछ सदस्यों ने यह मुद्दा उठाना चाहा। विपक्ष के अनेक सदस्य शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर कुछ बोलने का प्रयास करते देखे गए और वे नारेबाजी भी कर रहे थे। हालांकि, आसन से किसी भी सदस्य को इस मुद्दे पर बोलने की अनुमति नहीं मिली। इस बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मेघवाल ने कहा था कि सदस्य ओलंपिक से संबंधित जो विषय उठा रहे हैं, उस पर खेल मंत्री सदन में जवाब देंगे।