आरक्षण को लेकर कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के घर के बाहर भारी प्रदर्शन,पत्थरबाजी भी हुई
नई दिल्ली। कर्नाटक के शिमोगा जिले में आरक्षण के मुद्दे को लेकर सोमवार (27 मार्च) को बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के घर के बाहर प्रदर्शन और पथराव किया गया। इस दौरान पुलिस ने बंजारा समुदाय के सैकड़ों प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। ये समुदाय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण पर कर्नाटक सरकार के हालिया फैसले का विरोध कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने विरोध जताते हुए पुलिस पर भी पथराव किया। बंजारा समुदाय का कहना है कि जिस तरह से आरक्षण का बंटवारा हुआ है,ऐसे में उनका हिस्सा कम हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पोस्टर भी जलाए। कर्नाटक में राज्य सरकार के अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण पर एजे सदाशिव पैनल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए केंद्र को सिफारिश करने के फैसले के विरोध में बंजारा समुदाय ने प्रदर्शन किया।
पुलिस ने किया लाठीचार्ज
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। अप्रिय घटना को रोकने और शांति बहाल करने के लिए शिकारीपुर कस्बे में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। बंजारा समुदाय का मानना है कि नई नीति से उनके हितों को नुकसान पहुंचेगा और वो इसकी वापस की मांग कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने की ये सिफारिश
दरअसल,बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने केंद्र को शिक्षा और नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के एक नए ब्रेकअप की सिफारिश की है। उन्होंने सिफारिश की है कि एससी समुदाय के लिए 17 प्रतिशत आरक्षण में से 6 प्रतिशत अनुसूचित जाति (लेफ्ट),5.5 प्रतिशत अनुसूचित जाति (राइट),4.5 प्रतिशत “छूत” के लिए और एक प्रतिशत अन्य के लिए किया जाए। ये फैसला 2005 में कांग्रेस-जनता दल (सेक्युलर) की ओर से गठित एजे सदाशिव आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया।