भारत में लॉ की पढ़ाई हुई मुश्किल! BCI के 4 नए नियमों से बढ़ी टेंशन,एक भी गलती से…
नई दिल्ली। लॉ करने की सोच रहे हैं या एलएलबी,एलएलएम जैसे किसी कोर्स में एडमिशन ले चुके हैं,तो जरा ठहरिए। ये खबर पूरी पढ़ना आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भारत में लॉ एजुकेशन के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं। ये नियम इतने सख्त हैं, कि आपकी एक भी चूक आपकी लॉ की डिग्री छीन सकती है। फिर चाहे आपने पूरी पढ़ाई बड़ी ईमानदारी के साथ ही क्यों न की हो। क्या हैं बीसीआई के वो 4 नियम,समझ लें।
क्रिमिनल बैकग्राउंड
बार काउंसिल द्वारा जारी नोटिफिकेशन में जो सबसे बड़ी बात कही गई है, वो है आपराधिक पृष्ठभूमि को लेकर। BCI ने लॉ स्टूडेंट्स के लिए क्रिमिनल बैकग्राउंड चेक अनिवार्य कर दिया है। छात्रों को ये बताना पड़ेगा कि कभी भी उनकी किसी भी तरह आपराधिक मामले में संलिप्तता रही है या नहीं। किसी भी तरह के एफआईआर से लेकर जुर्म साबित होने,हिरासत,गिरफ्तारी या रिहाई तक की जानकारी देनी होगी।
अगर आप ऐसा करने में असफल होते हैं, तो आपके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यहां तक कि आपकी डिग्री भी रोक ली जाएगी।
एक साथ दो डिग्री
लीगल एजुकेशन रूल्स के अनुसार कानून के छात्र एक समय पर एक से ज्यादा रेगुलर डिग्री कोर्स नहीं कर सकते। बीसीआई ने कहा है कि अगर कोई स्टूडेंट एलएलबी के साथ दूसरी रेगुलर डिग्री कर रहा है, तो उसे इसकी जानकारी देनी होगी। इस नियम का उल्लंघन पाया गया तो छात्र को उसकी फाइनल मार्कशीट/ लॉ की डिग्री नहीं मिलेगी।
नौकरी की जानकारी
लॉ की पढ़ाई के दौरान आप किसी तरह की नौकरी या सर्विस में शामिल नहीं हो सकते हैं। अगर ऐसी किसी गतिविधि का हिस्सा बनना है, तो आपको पहले अपने नियोक्ता से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट यानी NOC लेना होगा।
क्लास में अटेंडेंस
बीसीआई रूल्स ऑफ लीगल एजुकेशन के रूल नंबर 12 के अनुसार आपको क्लास में उपस्थिति पूरी रखनी होगी। इसकी निगरानी के लिए बार काउंसिल बायोमीट्रिक अटेंडेंस और सीसीटीवी सर्विलांस लागू कर रहा है। इस संबंध में सभी लॉ कॉलेजों और लॉ यूनिवर्सिटीज को निर्देश दे दिया गया है।