ऐसी जगह जहां मरने के बाद भी घर वाले कराते हैं शादी,निभाई जाती हैं पूरी रस्में
नई दिल्ली। आप अब तक कई शादियों में गए होंगे लेकिन क्या आपने कभी भूतों की शादी के बारे में सुना है? कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले में यह परंपरा अभी जीवित है, जहां दो बच्चों को मरने के बाद उनकी शादी कराई जाती है। हाल ही में गुरुवार को भी दो मरे हुए बच्चों को शादी के बंधन में बांधा गया। ऐसा उनके माता-पिता उनकी आत्माओं की खुशी के लिए करते हैं। इसे ‘प्रेत कल्याणम’, या मृतकों का विवाह कहते हैं। जो अभी भी कर्नाटक और केरल के कई हिस्सों में कुछ समुदायों में जीवित है।
हाल ही में हुई शादी
यूट्यूबर एनी अरुण ने ट्विटर पर चंदप्पा और शोभा के बीच उनकी मृत्यु के 30 साल बाद के मिलन को शेयर किया.यूट्यूबर ने ट्वीट किया, ‘मैं आज एक शादी में शामिल हो रहा हूं। आप पूछ सकते हैं कि यह एक ट्वीट के लायक क्यों है। खैर, दूल्हा वास्तव में मर चुका है और दुल्हन भी मर चुकी है। इनकी मौत लगभग 30 साल पहले हुई थी और आज उनकी शादी है। यह उन लोगों को अजीब लग सकता है जो दक्षिण कन्नड़ की परंपराओं के आदी नहीं हैं। लेकिन यह यहां एक गंभीर परंपरा है।’
इसलिए कराई जाती है मरने के बाद शादी
जिन बच्चों की 18 साल की उम्र से पहले मौत हो जाती है,उनकी मृत्यु के कुछ साल बाद उनकी ही जैसी मृत्यु की कहानियों वाले बच्चों से शादी करा दी जाती है। दक्षिण कन्नड़ में यह परंपराएं चलन में हैं क्योंकि लोग मानते हैं कि उनके प्रियजन की आत्मा भटकती है और उन्हें कभी ‘मोक्ष’ नहीं मिलता है। लोगों का मानना है कि किसी का भी जीवन शादी के बिना अधूरा है और परिवार को भटकती आत्मा से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
निभाई जाती हैं सभी परंपराएं
इस दौरान सगाई समारोह से लेकर,शादी तक सभी परंपराएं निभाई जाती हैं। दूल्हा सबसे पहले ‘धारे साड़ी’ लाता है,जिसे दुल्हन शादी के समय या लग्न या मुहूर्तम में पहनती है। दुल्हन को कपड़े पहनने के लिए भी पर्याप्त समय दिया जाता है और सभी रस्में ऐसी होती हैं जैसे कि बिछड़ी आत्माएं परिवार के सदस्यों में से हों। दूल्हा और दुल्हन को शादी के कपड़े पहनाए जाते हैं और रिश्तेदार उन्हें अनुष्ठान करने के लिए इधर-उधर ले जाते हैं। इस दौरान सात फेरे,मुहूर्त तक,कन्यादान और मंगलसूत्र का बंधन जैसी सभी परंपराओं का पालन होता है।