‘तालिबानी फरमान हिंदुस्तान में नहीं चलेगा’,जामा मस्जिद में महिलाओं की एंट्री पर बैन को लेकर…
नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने जामा मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर बैन के मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस तरह से महिलाओं की एंट्री बैन करना असंवैधानिक है। इस तरह का तालिबानी फरमान हिंदुस्तान में नहीं चलेगा। दिल्ली महिला आयोग ने जामा मस्जिद के शाही इमाम को इस पूरे मामले में नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है।
इस मामले पर स्वाति मालीवाल ने कहा है कि ये एक शर्मनाक और गैर संवैधानिक हरकत है। शाही इमाम को इस तालिबानी हरकत के लिए नोटिस जारी किया है। इस बैन को हर हाल में हटाकर रहेंगे। वहीं इस मामले में जल्दी ही राष्ट्रीय महिला आयोग भी संज्ञान ले सकती है। उन्होंने कहा कि इस तरह से महिलाओं की एंट्री बैन करने का किसी को हक नहीं है। जितना हक पुरुषों का है उतना ही हक महिलाओं का भी है।
जामा मस्जिद के इमाम का तुगलकी फरमान
वहीं जामा मस्जिद अमन कमेटी से जुड़े हुए एक शख्स शहजाद ने माना है कि यह फैसला पूरी तरह से सही नहीं है,लेकिन कोई भी फैसला अंतिम फैसला नहीं इस फैसले पर इमाम साहब से बात करेंगे और लड़कियों के साथ लड़कों का भी जिक्र होना चाहिए। इसके अलावा,एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि पहले ऑर्डर को देखूंगा, तभी बोलूंगा।
विश्व हिंदू परिषद की प्रतिक्रिया
विश्व हिंदू परिषद् के प्रवक्ता विनोद बंसल ने इसकी आलोचना करते हुए ट्वीट किया है कि भारत को सीरिया बनाने की मानसिकता पाले ये मुस्लिम कट्टरपंथी ईरान की घटनाओं से भी सबक नहीं ले रहे हैं, यह भारत है। यहां की सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पर बल दे रही है।
वहीं, दूसरी ओर सहारनपुर मुस्लिम धर्म गुरु व जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक कारी इसहाक गोरा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस फैसले को सही ठहराया है। कारी इसहाक गोरा का कहना है कि जामा मस्ज़िद की इंतजामिया ने जो फैसला लिया है वो सही है और किसी को इस फैसले से आपत्ति नही होनी चाहिए।