इंडियन बैंक के ग्राहकों पर बढ़ने वाला है EMI का बोझ! MCLR के रेट्स में बढ़ोतरी
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के रेपो रेट में बढ़ोतरी के फैसले के बाद से ही लगातार बैंक अपने लोन की ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं। पंजाब नेशनल बैंक,आईसीआईसीआई बैंक के बाद अब इस लिस्ट में अब सरकारी बैंक इंडियन बैंक का नाम भी जुड़ गया है। बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) रेट में बढ़ोतरी का फैसला किया है. इसके बाद बैंक द्वारा ऑफर की जाने वाले होम लोन,कार लोन,बिजनेस लोन,एजुकेशन लोन आदि सभी प्रकार के कर्ज की ब्याज दरों में इजाफा हो जाएगा। बैंक ने बताया है कि यह नई दरें कल से यानी 3 सितंबर 2022 से लागू हो जाएंगी।
इंडियन बैंक MCLR रेट में की कितनी वृद्धि?
आपको बता दें कि इंडियन बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स में 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है। यानी अब सभी तरह के कर्जों में 0.10% की वृद्धि दर्ज होगी। इस बढ़ोतरी के बाद से ग्राहकों पर ईएमआई (EMI)का बोझ बढ़ेगा। बैंक की एसेट लायबिलिटी मैनेजमेंट कमेटी ने रिजर्व बैंक द्वारा बढ़ाए जा रहे रेपो रेट पर एक समीक्षा बैठक की थी। इसके बाद बैंक ने अपने MCLR रेट को बढ़ाने का फैसला लिया है। यह नए रेट्स 3 सितंबर 2022 से लागू होंगे।
इंडियन बैंक की अलग-अलग अवधि के MCLR यहां जानें-
इस बढ़ोतरी के लागू होने के बाद अब इंडियन बैंक का MCLR 7.65% से बढ़कर 7.75% तक पहुंच गया है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर होम लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन आदि पर पड़ेगा। ग्राहकों को अब ज्यादा ईएमआई देना पड़ेगा। वहीं अलग-अलग अवधि की MCLR की बात करें तो बैंक का ओवरनाइट एमसीएलआर अब 6.95% से लेकर 7.60% के बीच में है। इसके अलावा बैंक ने अपने ट्रेजरी बिल बेंचमार्क लैंडिंग रेट में भी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। बैंक की TBLR 5.55% से लेकर 6.20% के बीच में है।
बैंकों के कर्ज क्यों हो रहे हैं महंगे?
गौरतलब है कि इंडियन बैंक के अलावा हाल ही में पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स में बढ़ोतरी का फैसला किया है। दोनों बैंक की नई दरें 1 सितंबर 2022 से लागू हो चुकी है। पीएनबी ने MCLR में 5 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है। वहीं ICICI बैंक ने कुल 10 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है। ऐसे में ग्राहकों को ज्यादा EMI भरना होगा। देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए पिछले चार महीने में रिजर्व बैंक ने कुल तीन बार रेपो रेट में इजाफा किया है। यह 4.00% से बढ़कर 5.40% तक पहुंच गया है। ऐसे में इसका सीधा असर बैंक के कर्ज के ब्याज दरों पर पड़ा है।