रुपये के विवाद में हुई थी व्यापारी की हत्या,गैंगस्टर पंकज ने रची थी साजिश
गोरखपुर। गोरखपुर जिले के शाहपुर इलाके के असुरन के पास मूर्ति विसर्जन में शामिल दवा व्यापारी विकास तिवारी की हत्या,रुपये के लेनदेन में की गई थी। पुलिस ने साजिशकर्ता गैंगस्टर पंकज त्रिपाठी,लकी निषाद उर्फ शिव निषाद और असलहा छिपाने में मददगार शिवेश दत्त त्रिपाठी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल पिस्टल बरामद कर तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पूछताछ में पता चला कि मूर्ति विसर्जन के दौरान झगड़े में वारदात दिखाकर पंकज त्रिपाठी बचना चाहता था, लेकिन पुलिसिया जांच में उसकी साजिश खुल गई। हत्या की साजिश एक दिन पहले ही रची गई थी।
पकड़ा गया आरोपी पंकज त्रिपाठी शाहपुर के राजनगर कॉलोनी, शिव निषाद उर्फ लकी हरसेवकपुर नंबर एक, गुलरिहा और शिवेश दत्त त्रिपाठी, बरही झंगहा का निवासी है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने पुलिस लाइंस में रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का पर्दाफाश किया।
एसपी सिटी ने बताया कि विकास तिवारी ने पंकज तिवारी को 6 लाख रुपये ब्याज पर चलाने के दिए थे। वह कुछ दिन से पंकज से रुपये वापस मांग रहा था। घटना के एक दिन पहले भी रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ और फिर उसी दिन साजिश रच दी गई। दुर्गा मूर्ति विसर्जन के जुलूस में सभी शामिल थे। खजांची के पास विकास और शिव निषाद उर्फ लकी में किसी बात पर विवाद हो गया। दोनों एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने लगे।
बाद में लोगों के बीच-बचाव पर मामला शांत हो गया। इसके बाद लकी और पंकज ने एक दुकान पर शराब पी। वहां से लकी पिस्टल लेकर जुलूस में शामिल होकर नाचने लगा। विकास के पास पहुंच कर उसने ताबड़तोड़ फायर झोंक दिया। तीन गोली विकास को लगी और एक गोली वहीं जमीन में धंसी मिली।
घटना के बाद लकी पास ही में पिस्टल फेंककर फरार हो गया। वहां से पिस्टल शिवेश दत्त त्रिपाठी अपने साथ लेते गया। वह वर्तमान में न्यू कॉलोनी सिंघड़िया कूड़ाघाट में रहता है। शाहपुर पुलिस ने तीनों आरोपियों को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म 9 के पास से गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर पिस्टल बरामद कर लिया।
पंकज भैया ने मरवा दी गोली…
गोली से घायल विकास तिवारी को पुलिस मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंची थी। वहां पर उसने कई बार एक ही बात दोहराई कि, पंकज भैया ने गोली मरवा दी। यही शब्द पूरे घटनाक्रम के खुलासे में पुलिस के लिए मददगार बने। पुलिस को यह बात खटकने लगी कि जब गोली लकी ने मारी है तो आखिर पंकज कौन है? इसके बाद पुलिस ने गहराई से जांच कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया। पुलिस की जांच में सबकी भूमिका सामने आने के बाद गिरफ्तारी कर जेल भेजा गया। एसपी सिटी ने बताया कि सर्विलांस से मालूम चला कि घटना से पूर्व लकी और पंकज एक साथ मौजूद थे।
सिपाही को गोली मारने का आरोपी है पंकज
पंकज त्रिपाठी कोतवाली और गोरखनाथ थाने का गैंगस्टर है। उसके खिलाफ सिपाही को गोली मारने का भी केस दर्ज है। 2003 में कोतवाली इलाके के बक्शीपुर में उसने एसओजी के एक सिपाही के चेहरे पर गोली मारी दी थी। इस मामले में जमानत मिलने के बाद फिर से अपराध में सक्रिय रहा तो पुलिस ने गैंगस्टर में निरुद्ध किया। इसके बाद वह सूद का कारोबार करने लगा।
यह हुई थी घटना
देवरिया जिले के खुखुंदू क्षेत्र के तिलौली गांव निवासी रविंद्र तिवारी सिपाही और उनकी पत्नी दमयंती सेवानिवृत्त दरोगा हैं। रिटायर होने के बाद शाहपुर के राप्तीनगर फेज चार में मकान बनवाकर परिवार के साथ रहते हैं। छोटा बेटा आकाश पीएसी में सिपाही है। बड़ा बेटा विकास त्रिपाठी दवा का व्यापार करता था। बृहस्पतिवार की रात आठ बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में विकास को गोली मार दी गई। मेडिकल कॉलेज से उसे लखनऊ उपचार के लिए ले जाया जा रहा था कि रास्ते में उसकी मौत हो गई। पिता की तहरीर पर पुलिस ने पुरानी रंजिश में पंकज त्रिपाठी पर अपने भाई अखिलेश व साथी लकी के साथ मिलकर गोली मारकर हत्या का आरोप लगाया। पुलिस अखिलेश की भूमिका की जांच कर रही है।