भदोही से आए बदमाशों ने मां-बेटी की हथौड़े और रॉड से की थी हत्या
वाराणसी। वाराणसी के नरिया डबल मर्डर की गुत्थी 47 दिन बाद सुलझ गई है। मां-बेटी सुनीता पांडेय (55) और बेटी दीपिका पांडेय (28) की निर्मम हत्या करने वाले दो शातिर बदमाशों और एक सूत्रधार को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि लूट के इरादे से ये हत्या की गई थी। इस गुत्थी को सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश के DGP डीएस चौहान ने वाराणसी पुलिस को शाबाशी दी है।
हत्यारे दो सगे भाई अमन और अतुल विश्वकर्मा हैं,दोनों मूल रूप से भदोही के रहने वाले हैं। इस हत्या की योजना पड़ोसी विजय पाल ने बनाई थी। तीनों बदमाशों को आज रिमांड के लिए वाराणसी के न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।
दिया घटना को अंजाम
दोनों हत्यारों ने 2-3 दिन बकायदा रेकी की। फिर घटना वाली रात को घर के पीछे वाले रास्ते से अंदर घुसे। वहीं पर हथौड़ा और लोहे की रॉड से सिर पर वार कर दोनों की हत्या कर दी गई। हत्या का आरोपी अमन पहले भी नागपुर महाराष्ट्र में हत्या और चोरी के मामले में जेल जा चुका है ।पुलिस ने मां-बेटी के दोनों मोबाइल फोन सहित ज्वैलरी और कैश भी बरामद किया है।
क्या था मामला
इसी साल 13 जुलाई को वाराणसी के नरिया स्थित एक मकान में मां-बेटी का 10 दिन पुराना निर्वस्त्र शव मिला था। छोटा बेटा अंजनी जब कई दिन के बाद घर पहुंचा, तो वहां से आ रही दुर्गंध पर उसने पुलिस को सूचना दी। यह मकान नरिया में प्राथमिक विद्यालय के पास बिजली विभाग से सेवानिवृत्त बालमुकुंद पांडेय का मकान है। जिनकी मौत 2 साल पहले ही हो चुकी है।
बालमुकुंद पांडेय का एक बेटा अखिलेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। दूसरा बेटा अंजनी चोलापुर में पोल्ट्री फॉर्म हाउस में काम करता है। स्थानीय लोगों के अनुसार मां-बेटी आसपास के लोगों से बहुत कम मतलब रखती थी।