वादी पक्ष ने बहस में कहा- ज्ञानवापी वक्फ की सम्पत्ति

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वाराणसी, ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और वहां मौजूद देवी-देवताओं की मूर्तियों व धार्मिक चिह्नों के संरक्षण के लिए राखी सिंह सहित पांच महिलाओं की ओर से दाखिल वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सोमवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई हुई। प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से वादी पक्ष के वकीलों की दलीलों का जवाब दिया गया। एडवोकेट शमीम अहमद ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद वक्फ की संपत्ति है। यह वक्फ संपत्ति के तौर पर ही दर्ज भी है। इसलिए ज्ञानवापी मस्जिद से संबंधित मसले की सुनवाई का अधिकार सिविल कोर्ट को नहीं है, बल्कि वक्फ बोर्ड को है।

कोर्ट में वादी और प्रतिवादी पक्ष के बीच सहमति बनी है कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी मंगलवार को भी जवाबी बहस जारी रखेगी। इसके बाद वादी पक्ष के वकील मसाजिद कमेटी की जवाबी बहस का प्रतिउत्तर देंगे।

हिंदू पक्ष की दलीलों पर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता जवाबी बहस कर रहे हैं। सोमवार को कुछ बिंदुओं पर बहस के बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 23 अगस्त की तिथि नियत कर दी। राखी सिंह समेत पांच महिलाओं ने ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के दर्शन की अनुमति मांगी है। जिस पर अंजुमन की आपत्ति पर वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीपीसी ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत जिला जज की अदालत सुनवाई कर रही है।

विश्व हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता अजीत सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र जिसमें ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग अविमुक्तेश्वर महादेव बताते हुए नियमित दर्शन पूजन की मांग की गई है उसमें आज हुई सुनवाई के दौरान प्रतिवादी अंजुमन इंतेजमिया व प्रशासन की ओर से कोई आपत्ति दाखिल नहीं की गई अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि नियत कर दी है।29 अगस्त को होगी अगली सुनवाई।


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