बच्चों की हत्या की वजह धार्मिक कट्टरता या…

बच्चों की हत्या की वजह धार्मिक कट्टरता या…
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बदायूं। हमारे देश में पड़ोसियों का घर में आना-जाना लगा रहता है। घर में किसी पड़ोसी का बच्चों से मिलना भी सामान्य माना जाता है। लेकिन मंगलवार की रात उत्तर प्रदेश के बदायूं से एक ऐसी ख़बर आई। जिसने सोचने पर मजबूर किया है कि क्या किसी पर आंख बंद करके भरोसा किया जा सकता है।

बदायूं में दो मासूम बच्चों की निर्मम हत्या
दरअसल, हुआ ये कि बदायूं में दो मासूम बच्चों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। इस दोहरे हत्याकांड में दो सगे भाईयों का नाम आया है, जिसमें से एक पुलिस Encounter में वारदात के कुछ घंटे बाद ही मारा गया। जबकि दूसरे आरोपी को पुलिस तलाश रही है। दो मासूम बच्चों की हत्या बदायूं की बाबा कॉलोनी में मंगलवार रात करीब साढ़े 7 बजे की है। जब बच्चे घर की छत पर मौजूद थे।

5 हजार रुपये उधार मांगे
उस समय साजिद नाम के आरोपी ने 13 साल के आयुष, 6 साल के आहान की धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी गई। जबकि एक बच्चे को आरोपी ने घायल कर दिया। दोहरे हत्याकांड को बच्चों के घर के सामने ही सैलून वाले साजिद और उसके भाई जावेद ने अंजाम दिया। पुलिस को जो जानकारी के मुताबिक साजिद अपने भाई जावेद के साथ ठेकेदारी का काम करने वाले विनोद के घर पहुंचा। उस समय घर पर विनोद के तीन बच्चे, उनकी पत्नी संगीता और मां मौजूद थी। पीड़ित परिवार का कहना है कि साजिद ने संगीता से कहा कि उसकी पत्नी गर्भवती है जिसके लिए उसे 5 हज़ार रुपये उधार चाहिए।

संगीता पैसे देने के लिए तैयार हो गई, क्योंकि साजिद उनके घर के सामने ही सैलून चलाता था। संगीता उसे अच्छे से जानती थी। इसलिए मदद को तैयार हो गई, हालांकि साजिद बहाना बनाकर छत पर खेल रहे बच्चों के पास पहुंच गया। उसने विनोद के बड़े बेटे से कहा कि पीने के लिए एक ग्लास पानी ले आए। विनोद का बड़ा बेटा पानी लेने आ गया और विनोद की पत्नी संगीता पैसे लेने अंदर चली गई। उस समय छत पर पहुंचे साजिद ने वहां मौजूद दो बच्चों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। इसके बाद जब विनोद का बड़ा बेटा आयुष पानी लेकर पहुंचा तो उसके गले और हाथों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। सोचिये, आरोपी साजिद के जहन में बच्चों के प्रति कितनी नफरत रही होगी, कि उसने आयुष नाम के उस बच्चे की भी हत्या कर दी, जो उसके लिए पानी लेकर आया था।

खून ही खून बिखरा था
छत पर हत्या वाली जगह खून ही खून बिखरा था। हत्या के समय आरोपी साजिद के हाथ भी खून से सन गए थे। जिसके निशान सीढ़ियों पर दिखाई दे रहे थे। जब साजिद अपने भाई के साथ विनोद के घर पहुंचा था। तब विनोद की पत्नी संगीता को ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि साजिद और उसके भाई जावेद किसी अनहोनी के इरादे से उनके घर आए हैं। इसीलिए संगीता बिना संकोच के साजिद की मदद को तैयार हो गई थी। लेकिन जब साजिद को संगीता ने खून में सने हुए सीढ़ियों से उतरते हुए देखा तो उसने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। आवाज सुनकर आस पड़ोस के लोग जुट गए। इस दौरान आरोपी साजिद चकमा देकर मौके से फरार हो गया।

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दो मासूम बच्चों की हत्या की खबर पूरे शहर में फैल चुकी थी। सूचना मिलने के बाद बदायूं पुलिस के Senior Officer मौके पर पहुंचे। पुलिस को पता चला कि साजिद और जावेद हत्याकांड में शामिल हैं। जिसके बाद पुलिस ने साजिद की लोकेशन ट्रेस की। बदायूं पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे दावा किया कि Encounter में साजिद को मार गिराया है। पुलिस के मुताबिक साजिद को वारदात वाली जगह से 15 किलोमीटर दूर शेखपुर के जंगलों में घेर लिया था। पुलिस ने साजिद को सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन उसने पुलिस पर तमंचे से गोली चला दी। पुलिस की तरफ से जवाबी फायरिंग की गई, जिसमें गोली साजिद के पैर में जाकर लग गई। गंभीर रूप से घायल साजिद को अस्पताल लाया गया, लेकिन ज्यादा खून बहने की वजह से उसकी मौत हो गई।

जावेद अभी फरार है
पुलिस ने बच्चों की हत्या में इस्तेमाल धारदार हथियार बरामद कर लिया है। साथ ही जिस तमंचे से पुलिस पर गोली चलाई गई थी, उसे भी साजिद के पास से जब्त कर लिया। लेकिन इस जघन्य हत्याकांड में शामिल एक आरोपी जावेद अभी फरार है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। दो मासूम बच्चों की हत्या में शामिल साजिद को Encounter में ढेर करके बदायूं पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है कि उसने बच्चों के गुनहगार साजिद को वारदात के कुछ घंटे बाद ही ढेर कर दिया। हालाकि बच्चों की हत्या के 24 घंटे बाद भी पुलिस के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि साजिद ने दो बच्चों की बेरहमी से हत्या क्यों की?

हत्याएं बेवजह नहीं होती
अपराध की दुनिया में कहा जाता है कि हत्याएं बेवजह नहीं होती। किसी भी हत्या के पीछे कोई ना कोई वजह जरूर होती है। जबकि बदायूं में तो दो-दो मासूम बच्चों को मारा गया है, वो भी इतनी बेरहमी की कोई भी घबरा जाये। हालांकि, लोगों के मन में दो बच्चों की हत्या को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं, मसलन क्या किसी के उकसावे में आकर बच्चों की हत्या की गई? क्या किसी ने बच्चों की सुपारी देकर हत्या करवाई है? क्या पुरानी रंजिश की वजह से बच्चों का कत्ल किया गया? क्या बच्चों की हत्या किसी तांत्रिक क्रिया के लिए की गई? क्या बच्चों की हत्या के पीछे कोई छिपा एजेंडा है? क्या बच्चों की हत्या में कट्टर धार्मिकता का एंगल है?

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बच्चों की हत्या क्यों हुई?
इन सवालों का जवाब साजिद से पुलिस को मिल सकता था। जो अब मारा जा चुका है। इसलिए बदायूं पुलिस किसी पुख्ता नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। ना ही पुलिस के पास इसका जवाब है कि बच्चों की हत्या क्यों हुई। लेकिन ऐसा तो बिल्कुल नहीं हो सकता कि कोई बिना वजह बच्चों की हत्या कर दे, ऐसे केस में आमतौर पर पुरानी रंजिश का एंगल निकलता है। लेकिन पीड़ित परिवार और आस पड़ोस के लोगों का यही कहना है कि दोनों के बीच किसी तरह की कोई दुश्मनी नहीं थी।

कोई तीसरा व्यक्ति शामिल हो सकता है?
पुलिस को 24 घंटे की जांच में साजिद और जावेद का कोई Criminal Record भी नहीं मिला है। जिससे दोनों भाइयों के आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का पता चलता। मृतक बच्चों के पिता विनोद को इस बात का अंदेशा जरूर है कि उनके बच्चों की हत्या कराने में कोई तीसरा व्यक्ति शामिल हो सकता है। विनोद की पत्नी और हत्याकांड की चश्मदीद संगीता का कहना था कि साजिद ने सीढ़ियों से उतरते समय कहा था कि आज उसका काम हो गया। यहां गौर करने वाली बात ये कि साजिद ऐसा कहकर क्या दर्शाना चाहता था। क्योंकि यहां ‘काम’ से उसका मतलब दो मासूम बच्चों की हत्या से था। जिस तरह से साजिद अपने साथ धारदार हथियार लेकर आया था, उससे साफ पता चलता है कि वो हत्या के इरादे से ही पहुंचा था।

कट्टर धार्मिकता तो नहीं…
इससे एक आशंका कट्टर धार्मिकता की बनती है, क्योंकि इसी तरह की घटना 28 जून 2022 को राजस्थान के उदयपुर में हुई थी। तब Tailer कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। बदायूं के इस केस में ना पुरानी रंजिश होना, ना हत्यारों का कोई Criminal Background मिलना, कट्टर धार्मिकता की आशंका को हवा देता है। दो बच्चों की हत्या की वजह को लेकर सवाल इसलिए भी कि साजिद ने विनोद की पत्नी को झूठ बोला था। साजिद ने कहा था कि उसकी पत्नी गर्भवती है। जिसकी रात 11 बजे डिलीवरी होगी और इसके लिए उसे 5000 रुपयों की जरूरत है। लेकिन Zee News पर साजिद की पत्नी सना ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

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जावेद के पास जवाब
हत्या की वजह सामने आने का अब एक ही जरिया बचा है, वो साजिद का भाई जावेद है। जिसे पुलिस तलाश रही है। वही पुलिस को बता सकता है कि साजिद ने विनोद के दो बेटों की बेरहमी से हत्या क्यों की। इस सवाल का जवाब बदायूं ही नहीं देश का हर शख्स जानना चाहता है। बदायूं के लोगों में साजिद और उसके भाई के खिलाफ गुस्सा है। स्थानीय लोगों ने हत्याकांड का पता चलने पर साजिद के सैलून में तोड़फोड़ भी की थी।

संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति
दो मासूम बच्चों की हत्या की वजह और सच बदायूं पुलिस नहीं तलाश पाई है। लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति जरूर शुरू हो गई है। अपने-अपने हिसाब से राजनेताओं ने इस हत्याकांड को धार्मिक रंग देना शुरू कर दिया है। बदायूं के इस केस में दो समुदाय के लोग हैं। जिन दो बच्चों की हत्या हुई है वो हिंदू धर्म से हैं। जबकि जिनपर आरोप लगा है वो मुस्लिम समुदाय से हैं। इसलिए चुनाव के इस मौसम में नेताओं ने अपने अपने नफे-नुकसान के हिसाब से बयानबाजी शुरू की है।

साजिद के Encounter पर सवाल
समाजवादी पार्टी की तरफ से कहा गया कि BJP उत्तर-प्रदेश में दंगा-फसाद और सांप्रदायिक तनाव खड़ा करके चुनाव जीतना चाहती है। कांग्रेस नेता उदित राज ने आरोपी साजिद के Encounter पर सवाल उठाये हैं, जिनका कहना है कि पुलिस को गोली पांव पर मारनी चाहिए थी। कांग्रेस के ही नेता सुरेंद्र राजपूत ने प्रदेश में रामराज्य को लेकर सवाल उठाया है, कि सूबे में ऐसा अपराध कैसे हो गया?

पुलिस पशोपेश में
अभी मासूम बच्चों की हत्या को 24 घंटे ही हुए हैं, पुलिस के पास हर सवाल का जवाब नहीं है। पुलिस अभी इसी पशोपेश में है कि दो बच्चों की हत्या क्यों हुई। लेकिन जिन्हें इस घटनाक्रम पर राजनीति करनी है, वो अपने-अपने हिसाब से एक दूसरे पर कीचड़ उछालने लगे हैं। लेकिन जिस परिवार के साथ इतनी बड़ी घटना हुई है, उसकी किसी को फिक्र नहीं है। दो बच्चों की हत्या में बदायूं पुलिस को एक आरोपी जावेद की तलाश है। जिसके गिरफ्तार होने पर ही हत्या का सच सामने आ सकेगा। लेकिन इस बीच बदायूं District Magistrate मनोज कुमार सिंह ने आरोपी साजिद के एनकाउंटर की Magisterial Inquiry के आदेश दे दिये। जिसकी रिपोर्ट बदायूं पुलिस को 15 दिन के अंदर सौंपने को कहा गया है। क्योंकि, साजिद के परिवार ने एनकाउंटर पर सवाल उठाये हैं। जिससे बदायूं पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है।


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