कई देशों के आर्थिक संकट के बीच वर्ल्ड बैंक के प्रमुख का इस्तीफा,शुरू हुई हलचल
नई दिल्ली। डेविड मलपास ने घोषणा की है कि वह जलवायु परिवर्तन नीतियों को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के साथ अनबन के बाद विश्व बैंक के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि वह अपने पांच साल के कार्यकाल की समाप्ति से दस महीने पहले जून में अंतरराष्ट्रीय विकास संस्थान छोड़ देंगे।
टाइमिंग पर उठे सवाल
गौरतलब है कि उन्होंने अपनी इस्तीफे की की घोषणा ऐसे समय की है,जब दुनिया भर के कई देश गंभीर वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहे हैं। विश्व बैंक का प्रमुख नियुक्त करना,अमेरिकी राष्ट्रपति का विशेषाधिकार है। बाइडेन मलपास के उत्तराधिकारी की नियुक्ति करेंगे। मलपास पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के करीबी थे,जिन्हें 2019 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यंग किम के पद छोड़ने के बाद इस पद पर नियुक्त किया था।
मलपास ने ट्रम्प के 2016 के चुनाव अभियान में काम किया था और विश्व बैंक में जाने से पहले अंतरराष्ट्रीय मामलों के ट्रेजरी अंडरसेक्रेटरी थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स को कर दिया था इनकार
बाइडेन की तुलना में वैचारिक रूप से ट्रम्प के करीब मलपास ने पिछले साल न्यूयॉर्क टाइम्स के एक कार्यक्रम में यह मानने से मना कर दिया था कि जलवायु परिवर्तन मानव निर्मित ग्रीनहाउस गैसों के परिणामस्वरूप हुआ। इस विषय पर जोर देते हुए उन्होंने कहा,मैं वैज्ञानिक नहीं हूं। इस पर पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर समेत कई अन्य लोगों ने उनकी आलोचना की थी।
लेकिन कुछ दिनों बाद मलपास ने यू टर्न लेते हुए विश्व बैंक के कर्मचारियों को लिखा,यह स्पष्ट है कि मानव गतिविधियों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन का कारण बन रहा है।
कार्यकाल में हुई संस्थान की आलोचना
तेल और गैस परियोजनाओं को वित्तीय मदद जारी रखने के लिए विश्व बैंक की आलोचना की गई। पद छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए मलपास ने कहा,विकासशील देशों में अभूतपूर्व संकट का सामना करने के साथ, मुझे गर्व है कि बैंक ने प्रभावशाली ढंग से संकटों का सामना किया।
बैंक ने कहा कि मालपास के नेतृत्व में बैंक ने वैश्विक संकटों का तेजी से सामना किया, कोविड-19 महामारी, यूक्रेन में युद्ध, तेज वैश्विक आर्थिक मंदी, अस्थिर ऋण बोझ, जलवायु परिवर्तन और भोजन,उर्वरक के लिए 440 बिलियन डॉलर जुटाया।
काम का लंबा अनुभव
इसके पहले मलपास ने रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों रोनाल्ड रीगन और जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के साथ भी काम किया। हालांकि 1993 में वे निवेश कंपनी बेयर स्टर्न्स के मुख्य अर्थशास्त्री बने,जो 2008 के वित्तीय संकट में ढह गई थी। इसके बाद उन्होंने अपनी खुद की आर्थिक सलाहकार फर्म की स्थापना की और सीनेट चुनाव में रिपब्लिकन नामांकन के लिए असफल बोली लगाई।