इन हत्याओं के रहस्य और शव पानी में दफन:5 हत्याओं के खुलासे तो कर दिए
लखनऊ। लखनऊ में साल-2022 में 115 हत्याएं हुई। इनमें पांच ऐसे केस है जिन्हें पुलिस ने सुलझा तो लिया,लेकिन फिर भी मर्डर मिस्ट्री मतलब ‘हत्या के रहस्य’पूरी तरह से खुल नहीं पाए। लखनऊ में कुछ ऐसी ही हत्या हुई, जिसमें शव कहीं मिट्टी में या पानी में दफन होकर रह गए।
लखनऊ शहर की कुछ ऐसी ही हत्या के बारे में बताएंगे जिन्हें कमिश्नरेट पुलिस पूरी तरह सुलझाने में नाकामयाब रही,जिसका फायदा कोर्ट में अपराधियों को मिलेगा।
लखनऊ पुलिस को इन चार शवों की है तलाश, आरोपी को भेज चुके जेल
लखनऊ में जनवरी से दिसंबर तक पांच हत्या के ऐसे मामले सामने आए,जिसमें पुलिस ने आरोपियों को तो जेल भेज दिया, लेकिन मृतकों के शव आज तक नहीं खोज पाई। वहीं एक ऐसा भी मामला सामने आया,जिसमें शव मिला और हत्यारे जेल गए, लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो सकी। इन वारदातों में शव बरामद न होने से आरोपियों को तो फायदा मिलेगा ही,साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं। ऐसे चार मामलों के बारे में बताते हैं…
केस एक: 14 जून को मिले शव की शिनाख्त से पहले उसकी हत्या का खुलासा
लखनऊ की चिनहट थाना पुलिस ने एक सनसनीखेज हत्या का खुलासा किया। जिसमें चौंकाने वाली बात यह थी कि हत्या के आरोपी ने शव जहां फेंकने की बात कही, वहां पुलिस को एक शव मिला। लेकिन, परिवार वालों ने मृतक की शिनाख्त नहीं की। हत्या के आरोपी तो गिरफ्तार हो गए। पुलिस के मुताबिक, 14 जून की रात चिनहट स्थित आदर्श ढाबा के पास एक युवक की हत्या कर दी गई थी। जानकारी पर पुलिस ने ढाबा और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें दो युवक संदिग्ध दिखे।
इसके बाद पुलिस ने बादशाहनगर निवासी दीपक सोनकर और चिनहट निवासी राजेश पत्थर कट को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि ढाबा पर खाना खाने आने वालों पर दोनों की नजर थी। मौका पाकर हमला बोलकर लूट लिया था। विरोध में पास ही स्थित खाली प्लाट में खींच ले गए और सिर पर पत्थर से कई वार कर मार डाला।
केस दो: 5 सितंबर को चिनहट में हुए बच्चे के अपहरण में अभी तक सुराग नहीं
चिनहट के कमता सनातन नगर निवासी मार्केटिंग इंस्पेक्टर धीरेंद्र पांडेय के चार साल के बेटे राम की पांच सितंबर को अपहरण कर हत्या कर दी गई। आरोपी उसके चचेरे भाई अमित पांडेय ने शव को कानपुर में गंगा में फेंकने की बात कही। SDRF और पुलिस एक सप्ताह तक शव की तलाश में गंगा में सर्च अभियान चलाया, लेकिन शव नहीं मिला।
केस तीन: 25 सितंबर को लापता हुए दुबग्गा में प्रॉपर्टी डीलर का शव नहीं मिला
दुबग्गा के जेहटा गांव के प्रॉपर्टी डीलर विशाल गौतम (25) की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। वह 25 सितंबर को लापता हुए थे। पुलिस ने लेनदेन के विवाद में हत्या का खुलासा करते हुए सात को जेल भेजा, लेकिन शव आज तक बरामद नहीं कर सकी। आरोपियों ने हत्या के बाद शव हरदोई में नदी में फेंकने की बात कबूल की थी। पुलिस आज तक उसका शव नहीं खोज सकी।
केस चार: 19 जुलाई से लापता अश्विनी पाल का नहीं मिला शव
19 जुलाई को कृष्णानगर के पूरन नगर निवासी अश्विनी पाल की पिटाई कर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या का खुलासा कर चार्जशीट भी लगा दी, लेकिन आज तक शव बरामद नहीं कर पाई। आरोपी पत्नी प्रीति और सालों ने अश्विनी का शव नहर में फेंकने की बात कही थी। इस मामले में पुलिस ने पत्नी और हत्या के बाद शव छिपाने में सहयोगी रहे शाहरुख को गिरफ्तार किया। बाद में अश्विनी के साले अभिषेक उर्फ नानू और शिवम को गिरफ्तार किया था।
केस पांच: गुडंबा इलाके में हत्या कर शव नहर में फेंका
26 अगस्त को गुडंबा इलाके में सोनी तिवारी की हत्या कर शव नहर में फेंकने की बात सामने आई। पुलिस ने बहराइच में आरोपी द्वारा बताए स्थान पर नदी में शव कई दिन खोजा, लेकिन शव बरामद नहीं हुआ।
गोंडा निवासी पुष्पेंद्र तिवारी अपनी पत्नी सोनी तिवारी (26) के साथ गुडंबा के आदिलनगर आदर्शनगर इलाके में महेंद्र प्रताप सिंह के मकान में किराए पर रहता था। पुष्पेंद्र एक जिम ट्रेनर का काम करता था। उसने सुशांत गोल्फ सिटी में पत्नी की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस पूछताछ में पति ने बताया कि 2 सितंबर को ही उसने पत्नी सोनी की गला दबाकर हत्या कर दी और कार से शव को ले जाकर बहराइच सीमा पर घाघरा नदी में फेंक दिया। जिसमें उसका साथ भाई गोविंद तिवारी और उसके दोस्त मड़ियांव निवासी सूरज वर्मा ने दिया। 9 सितंबर को पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया