समुद्र में 40 मीटर नीचे से गुजरेगी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग,2 देशों को जोड़ने की तैयारी,दौड़ेंगी कारें और ट्रेन

समुद्र में 40 मीटर नीचे से गुजरेगी दुनिया की सबसे लंबी सुरंग,2 देशों को जोड़ने की तैयारी,दौड़ेंगी कारें और ट्रेन
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कोपनहेगन। बाल्टिक सागर के40 मीटर नीचे से गुजरने वाली दुनिया की सबसे लंबी रेल और रोड सुरंग अगले पांच साल में तैयार हो जाएगी। ये सुरंग डेनमार्क और जर्मनी को जोड़ेगी, 2029 में इसके खुलने पर दोनों देशों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। इसे फेहमर्नबेल्ट टनल नाम दिया गया है। 17 जून को डेनमार्क के राजा फ्रेडरिक ने सुरंग का फर्स्ट एलिमेंट उद्घाटन किया गया है। ये 2020 में इसका निर्माण शुरू होने के चार साल बाद सबसे बड़ी कामयाबी है। यह सुरंग 18 किलोमीटर (11.1 मील) लंबी होगी तथा यूरोप की सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है, जिसका निर्माण बजट 7 बिलियन यूरो (7.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के करीब है।

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टनल की तुलना इंग्लैंड और फ्रांस को जोड़ने वाली 50 किलोमीटर (31 मील) की चैनल टनल से की जा रही है, जो 1993 में पूरी हुई थी। हालांकि दोनों में एक अहम फर्क है। फेहमर्नबेल्ट सुरंग से लंबी चैनल टनल को पहले से बने सुरंग के खंडों को डुबोने के बजाय बोरिंग मशीन का उपयोग करके बनाया गया था। फेहमर्नबेल्ट को जर्मन द्वीप फेहमर्न और डेनमार्क के द्वीप लोलैंड के बीच बनाया जा रहा है। अभी यहां नौकाएं यात्रियों को ले जाती हैं। नौका से जिस दूरी को तय करने में 45 मिनट लगते हैं, ट्रेन से सिर्फ सात मिनट और कार से 10 मिनट लगेंगे।

अमेरिकी कंपनी बना रही है सुरंग
अमेरिकी कंपनी रीजेंट सीग्लाइडर इस टनल को बना विकसित कर रही है। कंपनी का कहना है कि इस सुरंग का आधिकारिक नाम फेहमर्नबेल्ट फिक्स्ड लिंक है। ये समुद्र के नीचे दुनिया की सबसे लंबी ज्वाइंट सड़क और रेल सुरंग होगी। इसमें दो डबल-लेन मोटरवे शामिल होंगे। एक सर्विस रोड होगा और दो इलेक्ट्रिक रेल ट्रैक होंगे।

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यह परियोजना 2008 में शुरू हुई थी, जब जर्मनी और डेनमार्क ने सुरंग बनाने के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद दोनों देशों द्वारा आवश्यक कानून पारित करने और भू-तकनीकी और पर्यावरणीय प्रभाव अध्ययन करने में एक दशक से अधिक समय लग गया। जबकि डेनमार्क की ओर से यह प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो गई, जर्मनी में कई संगठनों ने पर्यावरण और शोर संबंधी चिंताओं के आधार पर परियोजना की मंजूरी के खिलाफ अपील की। नवंबर 2020 में जर्मनी की एक संघीय अदालत ने शिकायतों को खारिज कर दिया।

परियोजना के कई अन्य चरण चल रहे हैं, जिसमें सुरंग के लिए खाई खोदना भी शामिल है। प्रत्येक खंड 217 मीटर लंबा, 42 मीटर चौड़ा और 9 मीटर ऊंचा होगा। प्रत्येक का वजन 73,000 मीट्रिक टन होगा, जो 13,000 से अधिक हाथियों के बराबर होगा। इन खंडों को समुद्र तल के ठीक नीचे, समुद्र तल से लगभग 40 मीटर नीचे सबसे गहरे बिंदु पर रखा जाएगा, और बजरों और क्रेनों द्वारा उन्हें जगह पर ले जाया जाएगा। खंडों को स्थापित करने में लगभग तीन साल लगेंगे।


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