40000 करोड़ की संपत्‍त‍ि के माल‍िक इस शख्‍स की मौत,बेटा बन गया बौद्ध भ‍िक्षु;कौन संभालेगा व‍िरासत?

40000 करोड़ की संपत्‍त‍ि के माल‍िक इस शख्‍स की मौत,बेटा बन गया बौद्ध भ‍िक्षु;कौन संभालेगा व‍िरासत?
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मलेशिया। मलेशिया के सबसे अमीर लोगों में से एक आनंद कृष्णन (AK) का 86 साल कीउम्र में न‍िधन हो गया। उनके कारोबारी साम्राज्य में टेलीकॉम, सेटेलाइट, मीडिया, ऑयल, गैस और रियल एस्टेट शामिल है। उनके न‍िधन से जुड़ी जानकारी उनकी प्राइवेट इनवेस्‍टमेंट फर्म, उसाहा तेगास के एक बयान में दी गई। उनका इकलौता बेटा वेन अजान सिरीपान्यो प‍िछले द‍िनों उस समय सुर्खियों में था, जब उन्होंने 18 साल की उम्र में 5 बिलियन डॉलर की विरासत छोड़कर बौद्ध भिक्षु बनने का फैसला क‍िया। अब मीड‍िया में यह चर्चा चल रही है क‍ि उनकी 40000 करोड़ रुपये की संपत्‍त‍ि को कौन संभालेगा?

मलेशिया के तीसरे सबसे अमीर शख्‍स
उसाहा तेगास की तरफ से बताया गया क‍ि एके (AK) ने राष्ट्र निर्माण और कॉर्पोरेट जगत में अहम योगदान दिया है। उनके परोपकारी कदम ने कई लोगों के जीवन में रोशनी दी है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार अक्‍सर एके के नाम से पहचाने जाने वाले कृष्णन, मलेशिया के तीसरे सबसे अमीर शख्‍स थे। उनकी कुल संपत्ति 40,000 करोड़ रुपये (5 बिलियन अमेरिकी डॉलर) से ज्‍यादा थी। अपनी कॉर्पोरेट उपलब्धियों के साथ ही वह एक बेहद परोपकारी शख्‍स थे।

40000 करोड़ की संपत्‍त‍ि की विरासत को छोड़ी
आनंद कृष्णन (AK) के इकलौते बेटे वेन अजान सिरीपान्यो ने 18 साल की उम्र में 40000 करोड़ की संपत्‍त‍ि की विरासत को छोड़ द‍िया। अपने इस फैसले के साथ उन्‍होंने सांसारिक जीवन त्याग कर बौद्ध भिक्षु बनने का फैसला कर सभी को चौंका दिया। सिरीपान्यो का यह फैसला थाईलैंड में एक अस्थायी प्रवास से शुरू हुआ था। आज, दो दशक से ज्‍यादा समय बाद वह थाईलैंड-म्यांमार बॉर्डर के पास स्थित दताओ डम मठ के अध्यक्ष हैं।

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शुरुआती जीवन को लंदन में दो बहनों के साथ बिताया
बेहद समद्ध पर‍िवार में जन्मे वेन अजान सिरीपान्यो का बैकग्राउंड काफी अलग है। उनकी मां मोमवाजारोंगसे सुप्रिंदा चक्रबान, थाई शाही वंश की हैं। सिरीपान्यो ने अपने शुरुआती जीवन को लंदन में दो बहनों के साथ बिताया और यूके में शिक्षा ग्रहण की। उनकी परवरिश ने एक खुले विचार वाले दृष्टिकोण और विभिन्‍न संस्कृतियों की गहरी समझ को बढ़ावा दिया। उनकी कम से कम आठ भाषाओं पर अच्‍छी पकड़ है, ज‍िनमें अंग्रेजी, तमिल और थाई शामिल है।

पिता से मिलने के लिए प्राइवेट जेट का उपयोग क‍िया
सिरीपान्यो बेहद सादगी भरा का जीवन जीते हैं। इतना ही नहीं वह भिक्षाटन और ध्यान जैसी बौद्ध प्रथा का भी पालन करते हैं। दताओ डम मठ में रहते हुए वह अपने जीवन यापन के लिए दूसरों की उदारता पर निर्भर रहते हैं। जरूरत पड़ने पर उन्‍हें विलासिता में यात्रा करते हुए भी देखा गया जैसे क‍ि इटली में अपने पिता से मिलने के लिए प्राइवेट जेट का उपयोग करना। उनके पिता ने सिरीपान्यो की एक यात्रा के दौरान उनकी सुविधा के लिए पेनैंग हिल, मलेशिया में एक स्‍प्र‍िचुअल र‍िट्रीट खरीदा था।


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