नए साल पर मौसम का बदला मिजाज, वाराणसी में कोहरे और नम हवाओं ने बढ़ाई गलन
वाराणसी | कैलेंडर बदलते ही मौसम ने ऐसा रूप दिखाया कि इंसानों से लेकर जानवरों तक को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया। वाराणसी समेत आसापस के जिले आज लगातार दूसरे दिन कोहरे की जद में हैं। इस गलन भरी ठंड से गरीबों, मरीजों व बुजुर्गों की परेशानियां बढ़ गईं हैं। उत्तर पश्चिमी नम हवाओं के चलने के बाद अब शीतलहर शुरू होने से गलन पहले से ज्यादा बढ़ गई।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, आने वाले दिनों में अभी ठंड और बढ़ेगी। मौसम में बदलाव के कारण तापमान में भी कमी दर्ज की गई। इसका असर आम जन जीवन पर भी देखने को मिला। जहां ट्रेनों की रफ्तार कम हो गई, वहीं मौसम में खराबी के कारण कई विमानों को डायवर्ट करना पड़ा। पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में छह डिग्री सेल्सियस की कमी दर्ज की गई।
शनिवार को अधिकतम तापमान 21.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि रविवार को 15.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान 10.01 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिक एसएन पांडेय ने बताया कि देश में कई जगहों पर शीतलहर का प्रकोप है। पहाड़ों पर बर्फबारी भी हो रही है। उसी के असर से मैदानी भागों में भी शीतलहर शुरू हो गई है। अभी तीन-चार जनवरी तक ऐसे ही मौसम रहने की संभावना है।
मत करें लापरवाही, सेहत के प्रति सावधानी जरूरी
मौसम को देखते हुए सेहत के प्रति विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। चिकित्सकों के अनुसार ऐसे समय में जरा सी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। पहले से बीमार लोगों के साथ ही बच्चों, बुजुर्गों की सेहत पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
दीनदयाल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. पीके सिंह का कहना है कि इस मौसम में सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ ही बुखार, पेट संबंधी बीमारी की संभावना अधिक रहती है। मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता का कहना है कि ओपीडी में इस समय ठंड लगने से उल्टी, दस्त, सर्दी, जुकाम वाले बच्चे अधिक आ रहे हैं। अभिभावकों को बच्चों के सही खानपान और साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है।
यह भी जानना जरूरी
- घर हो या बाहर पर्याप्त गर्म कपड़ा जरूर पहनें।
- कान और पैर से ही ठंड अधिक लगती है। कान को सही तरीके से ढककर रखना चाहिए।
- सरसों का तेल पैर में लगाकर सेंकाई करना चाहिए। इससे सर्दी, खांसी जुकाम से राहत मिल जाएगी।
- ज्वार, बाजरा, मक्का आदि की रोटी का सेवन करते रहना चाहिए। इससे अधिक ऊर्जा, गर्मी मिलती है।
- आंवले का च्यवनप्राश सुबह शाम एक-एक चम्मच लाभकारी होता है।
- सोंठ, जीरा, अदरक, अज्वाइन, गुड़ और तुलसी डालकर चाय का सेवन करें।
वैद्य सुशील दूबे, आयुर्वेद संकाय, बीएचयू