यसमैडम का यह कैसा फरमान,Yes कहने पर चली गई 100 से ज्‍यादा लोगों की नौकरी

यसमैडम का यह कैसा फरमान,Yes कहने पर चली गई 100 से ज्‍यादा लोगों की नौकरी
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नई दिल्‍ली। यसमैडम होम सैलून सर्विस कंपनी है। दावा है कि इसने 100 से ज्‍यादा कर्मचारियों को निकाल दिया है। इसके बाद से कंपनी ऑनलाइन आलोचनाओं का शिकार हो रही है। कहा जा रहा है कि कंपनी ने एक मेंटल हेल्‍थ सर्वे किया। फिर जिन्‍होंने तनाव महसूस करने को लेकर ‘हां’ कहा, उन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। यह घटना कब हुई, इसकी साफ जानकारी नहीं है। लेकिन, सोशल मीडिया पर शेयर हुए ईमेल स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि यह हाल ही की है। कंपनी ने तनावग्रस्त कर्मचारियों को निकालकर स्वस्थ कार्य वातावरण बनाने का दावा किया है। लेकिन, इस कदम की व्यापक रूप से आलोचना हो रही है। इसे असंवेदनशील और गलत कदम बताया जा रहा है।

YesMadam दिल्‍ली-एनसीआर बेस्‍ड कंपनी है जो घर पर सैलून सेवाएं देती है। कंपनी पर आरोप है कि उसने अपने कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए एक सर्वे किया। इस सर्वे के बाद जिन कर्मचारियों ने तनाव होने की बात स्वीकार की, उन्हें कंपनी ने नौकरी से निकाल दिया। करीब 100 से ज्‍यादा कर्मचारी इस कार्रवाई से प्रभावित हुए हैं।

कर्मचार‍ियों ने जाह‍िर की न‍िराशा
एक प्रभावित कर्मचारी ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा, ‘YesMadam में क्या हो रहा है? पहले आप अचानक एक सर्वे करते हैं और फिर रातोंरात हमें नौकरी से निकाल देते हैं क्योंकि हम तनाव महसूस कर रहे हैं? और सिर्फ मैं ही नहीं, 100 अन्य लोगों को भी निकाल दिया गया है।’ यह बयान कंपनी के इस कृत्य की गंभीरता को दर्शाता है।

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सोशल मीडिया पर YesMadam के एचआर मैनेजर के एक ईमेल का स्क्रीनशॉट खूब शेयर हो रहा है। इस ईमेल में कंपनी की ओर से कर्मचारियों को स्‍ट्रेस सर्वे के नतीजों और उसके आधार पर लिए गए फैसले की जानकारी दी गई है।


ईमेल में लिखा है, ‘प्रिय टीम, हाल ही में हमने काम पर तनाव के बारे में आपकी भावनाओं को समझने के लिए एक सर्वेक्षण किया। आप में से कई लोगों ने अपनी चिंताओं को साझा किया, जिन्हें हम बहुत महत्व देते हैं और सम्मान करते हैं। एक स्वस्थ और सहायक कार्य वातावरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध कंपनी के रूप में हमने प्रतिक्रिया पर ध्यानपूर्वक विचार किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी काम पर तनाव में न रहे, हमने महत्वपूर्ण तनाव का संकेत देने वाले कर्मचारियों के साथ अलग होने का कठिन फैसला लिया है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू है। प्रभावित कर्मचारियों को अलग से और विवरण प्राप्त होंगे। आपके योगदान के लिए धन्यवाद। सादर, HR मैनेजर, YesMadam।’

अनुष्का दत्ता, जो YesMadam में पूर्व UX कॉपीराइटर थीं, ने इस ईमेल का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। हालांकि, इस ईमेल की सत्यता की पुष्टि नहीं हो सकी है।

यसमैडम पर फूटा लोगों का गुस्‍सा
ईमेल के सीधे लहजे और तनावग्रस्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करने के बजाय उन्हें नौकरी से निकालने के फैसले की ऑनलाइन व्यापक आलोचना हो रही है।

एक यूजर ने वायरल स्क्रीनशॉट पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘सबसे अजीबोगरीब छंटनी: YesMadam काम पर स्‍ट्रेस सर्वे आयोजित करती है। जो कर्मचारी कहते हैं कि वे तनाव में हैं, उन्हें निकाल दिया जाता है।’

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एक अन्य यूजर ने कहा, ‘तो, हाल ही में YesMadam नाम के एक स्टार्टअप ने टीम के सदस्यों को एक सर्वे भेजा कि वे कितने तनाव में हैं और? अनुमान लगाओ, उन लोगों को निकाल दिया जिन्होंने वोट दिया था कि वे अत्यधिक तनाव में हैं।’

कई ऑनलाइन आलोचकों ने इस कदम को उल्टा और करुणा की कमी वाला बताया है। IndiGo में डिजिटल मार्केटिंग के एसोसिएट डायरेक्टर शितिज डोगरा ने भी लिंक्डइन पर स्क्रीनशॉट पोस्ट करते हुए सवाल किया, ‘क्या कोई संस्था आपको तनावग्रस्त होने के लिए निकाल सकती है? ऐसा लगता है कि यह अभी एक स्टार्टअप – YesMadam में हुआ है।’

यह घटना कई सवाल खड़े करती है। क्या किसी कंपनी को कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य की चिंता करने का यह सही तरीका है? क्या तनावग्रस्त कर्मचारियों को मदद देने के बजाय उन्हें नौकरी से निकाल देना उचित है? यह घटना कॉर्पोरेट कल्‍चर और कर्मचारी कल्याण के मुद्दों पर भी बहस छेड़ती है।


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