जब पोछा करने की नौकरी छोड़ थाम लिया था बैट…5 छक्के लगाने वाले रिंकू सिंह के संघर्ष की कहानी

जब पोछा करने की नौकरी छोड़ थाम लिया था बैट…5 छक्के लगाने वाले रिंकू सिंह के संघर्ष की कहानी
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नई दिल्ली। आईपीएल 2023 में शनिवार को गुजरात टाइटन्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच एक शानदार मैच देखने को मिला। इस मैच में केकेआर ने जीटी को 3 विकेट से हरा दिया। वैसे तो इस मैच में कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया,लेकिन केकेआर के रिंकू सिंह इस मैच में हीरो बनकर उभरे। उन्होंने मैच की आखिरी 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाकर केकेआर को शानदार जीत दिलाई।

KKR को जीत के लिए आखिरी ओवर में 29 रन चाहिए थे। गेंद यश दयाल के हाथ में थी और क्रीज पर थे उमेश यादव। उमेश ने पहली गेंद पर सिंगल लिया उसके बाद से रिंकू सिंह को स्ट्राइक मिली। जिसके बाद से रिंकू ने गुजरात को चैन की सांस नहीं लेने दी। रिंकू सिंह ने यश दयाल की अंतिम पांच गेंद पर 5 छक्के जड़े और केकेआर की झोली में इस सीजन की दूसरी जीत डाल दी। ये तो रही कल के मैच में रिंकू की कहानी। अब आइए जानते हैं रिंकू के असल जीवन का संघर्ष।

अलीगढ़ के रहने वाले हैं रिंकू
केकेआर ने रिंकू सिंह को 2018 में 80 लाख में खरीदा था। रिंकू सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं। रिंकू काफी गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता एक गैस सिलेंडर वेंडर थे। रिंकू के चार बड़े भाई हैं। जिनमें एक भाई ऑटो चलाता था तो दूसरे भी मेहनत मजदूरी करके अपना गुजारा करते थे। रिंकू सिंह के मन में जब क्रिकेटर बनने का ख्याल आया तो पिता ने परिवार की हालत का हवाला देते हुए उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई।

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क्रिकेट खेलने के लिए मारते थे पिता
रिंकू सिंह के लिए आईपीएल तक का सफर आसान नहीं था। उनके पिता सिलेंडर डिलीवरी करते थे और भाई ऑटो रिक्शा चलता था। उनके 5 भाई-बहन हैं। रिंकू पढ़ाई में भी अच्छे नहीं थे और एक बार बताया था कि वे 9वीं में फेल भी हो चुके थे। रिंकू के अनुसार पिता क्रिकेट खेलने के लिए मारते भी थे,लेकिन जब उन्होंने बाइक जीती तो पिता ने मारना बंद कर दिया। उसी बाइक से उनके पिता सिलेंडर डिलीवरी के लिए जाने लगे।

पोछा लगाने का काम दिया गया था
ऐसे ही किसी दिन काम की तलाश में रिंकू सिंह को काम मिला। उन्होंने बताया है,”मुझे पोछा लगाने की जॉब मिली। एक कोचिंग सेंटर में मुझे पोछा लगाना था। उन्होंने कहा था कि सुबह-सुबह आकर काम कर जाया करो। नौकरी भाई ने ही दिलाई थी, लेकिन मैं नहीं कर पाया। मैं घर लौटा तो अपनी मां से बोला कि मैं वहां दोबारा नहीं जाऊंगा। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि रिंकू सिंह के पिता घर-घर गैस पहुंचाने का काम किया करते थे तो उनका पूर परिवार सिलेंडर बांटने वाली एजेंसी से सटे दो कमरों वाले मकान में रहता था।

और फिर भाग्य आजमाते हुए रिंकू IPL तक पहुंचे। जहां वो IPL 2018 से ही KKR के साथ हैं। टीम हर बार उन्हें रीटेन कर रही है। लेकिन उनके आंकड़े बहुत अच्छे नहीं थे। लेकिन फिर IPL 2022 में उन्होंने दिखाया कि वह बेहतरीन फिनिशर बन सकते हैं। और अब IPL 2023 में गुजरात के खिलाफ उनकी बैटिंग तो सभी ने देखी ही। उन्होंने सिर्फ 21 गेंदों पर 48 रन मार KKR को जीत दिलाई।

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