Pakistan के बाढ़ पीड़ितों के लिए Ben Stokes के दान से क्यों नाखुश है देश की जनता?
नई दिल्ली। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने सोमवार को ऐलान किया है कि वह आगामी टेस्ट सीरीज की अपनी पूरी फीस पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों के लिए दान करेंगे। गौरतलब है कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम 17 सालों में पहली बार टेस्ट सीरीज के लिए पाकिस्तान में है।
स्टोक्स ने पहले टेस्ट मैच से पहले अपने ट्विटर हैंडल के जरिए ऐलान किया कि उन्होंने सीरीज के लिए अपनी पूरी मैच फीस पाकिस्तान फ्लड्स अपील को दान करने का संकल्प लिया है, जो यूके स्थित आपदा आपातकालीन समिति द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
बेन स्टोक्स करेंगे पाकिस्तान बाढ़ पीड़ितों के लिए दान
जैसे ही स्टोक्स ने ये घोषणा की, उसके तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ट्विटर के जरिए इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान की तारीफ कर डाली। शरीफ ने स्टोक्स के दयालु व्यवहार की सराहना की और कहा कि स्टोक्स का ये कदम परोपकारी महान ब्रिटिश परंपरा का प्रतीक है।
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने लिखा-“इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स द्वारा पाकिस्तान के बाढ़ पीड़ितों के लिए टेस्ट सीरीज की अपनी पूरी फीस दान करने की हम सराहना करते हैं। पीड़ित मानवता के लिए सहानुभूति सभी गुणों में सबसे बड़ा है। उनका कदम परोपकार की महान ब्रिटिश परंपरा का प्रतीक है।”
पाकिस्तानी यूजर्स ने क्यों दी स्टोक्स को चेतावनी?
इस बीच,पाकिस्तान के सोशल मीडिया यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में जाकर स्टोक्स को चेतावनी दी है और बताया है कि उनके दान के साथ शरीफ के मंत्री क्या-क्या कर सकते हैं। एक यूजर ने स्टोक्स से अपना डोनेशन वापस लेने और इसके बदले सामान और दवाइयां भेजने के लिए कहा। वही दूसरे यूजर ने खिलाड़ी से पैसा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को देने के लिए कहा है।
एक यूजर ने लिखा- ‘धन्यवाद लेकिन मत दान दो। मंत्री इससे कार खरीदते हैं। ब्रिटेन की अदालत में हमारे पीएम के खिलाफ मामला चल रहा है। इसके बजाय आप जरूरत का सामान और दवाइयां भेज सकते हैं। आपने बहुत अच्छा सोचा है लेकिन पीएम के बाढ़ की अपील अच्छी नहीं है’। वही दूसरा यूजर लिखता है- ‘दान न करें क्योंकि यह जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंचेगा।’
गौरतलब है कि पाकिस्तान में बाढ़ ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है जिसके कारण 60 लाख लोगों को तुरंत मदद की जरूरत है। लोग बेघर हो गए हैं और बीमार हो रहे हैं। खराब स्वच्छता के चलते प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए स्थिति और भी बदतर हो गई है।