देशभर में जाऊंगा; केजरीवाल के नए मिशन के पीछे 2024? संकेतों से समझें
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को ‘मेक इंडिया नंबर वन’ मिशन का ऐलान किया। उन्होंने अच्छी शिक्षा, इलाज और हर युवा को रोजगार की बात करते हुए कहा है कि एक बार फिर भारत दुनिया में नंबर वन हो सकता है। केजरीवाल ने 130 करोड़ लोगों को साथ जोड़ने की बात कही है। आप संयोजक ने भले ही इसे ‘राष्ट्र मिशन’ बताते हुए कहा है कि यह किसी दल से जुड़ा हुआ प्रोग्राम नहीं है, लेकिन उनके इस ऐलान के राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। माना जा रहा है कि केजरीवाल के इस ‘मिशन’ के जरिए 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी की दावेदारी को मजबूत कर सकते हैं। केजरीवाल ने इस दौरान कई ऐसे संकेत दिए जिसके बाद कहा जा रहा है कि वह अपनी भूमिका को राष्ट्रीय स्तर पर गढ़ने में जुट गए हैं।
मिडिल क्लास को रिझाने की कोशिश
अरविंद केजरीवाल ने इस मिशन के 5 काम बताए हैं, जिनके जरिए देश को दुनिया में नंबर वन बनाने की बात कही गई है। इसमें शिक्षा, इलाज और रोजगार के जरिए जहां मिडिल क्लास को रिझाने की कोशिश की गई है तो सम्मान, सुरक्षा और अधिकार की बात करके आधी आबादी को आकर्षित किया गया है। किसान को फसल की सही कीमत दिलाने की बात करके एक बड़ी आबादी को साधने का प्रयास किया गया है। कहा जा रहा है कि इन 5 मुद्दों के जरिए केजरीवाल ने देश की बड़ी आबादी जोड़ने का प्रयास किया है।
राष्ट्रवाद का सहारा
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस मिशन से हर उस व्यक्ति को जुड़ जाना चाहिए जो देशभक्त है और देश को नंबर वन बनाना चाहता है। उन्होंने कहा, ”मैं देश के 130 करोड़ लोगों से अपील करता हूं कि इस राष्ट्र मिशन के साथ जुडे़ं, जिस दिन 130 करोड़ लोग जुड़ गए, भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।” उन्होंने सभी जाति, धर्म, अमीर, गरीब सभी से जुड़ने की अपील करते हुए अपने ‘मिशन’ को बड़ा विस्तार देने की इच्छा जाहिर की है। दरअसल, अरविंद केजरीवाल पिछले कुछ समय से लगातार अपनी पार्टी को ‘राष्ट्रवाद की रेस’ में बीजेपी से आगे दिखाने की कोशिश करते हुए दिखते हैं। वह जानते हैं कि बीजेपी की सफलता में इसका बड़ा योगदान है।
2024 में पीएम पद की दावेदारी?
भले ही अरविंद केजरीवाल या उनकी पार्टी अभी 2024 लोकसभा चुनाव पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि पार्टी अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर काफी तैयारी कर रही है। दिल्ली और पंजाब में सत्ता हासिल करने के बाद केजरीवाल के हौसले बुलंद हैं और यदि गुजरात, हिमाचल प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में अगले 2 साल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहता है तो विपक्षी खेमे में उनकी दावेदारी मजबूती होगी। अभी वह एक मात्र ऐसी गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई पार्टी के मुखिया हैं, जिसकी एक से अधिक राज्य में सरकार है। इस मामले में वह ममता बनर्जी या नीतीश कुमार जैसे संभावित दावेदारों से आगे हैं।