क्या बिहार में गिर जाएगी नीतीश सरकार? 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा,नए समीकरण
बिहार। बिहार से तीन विधायकों ने विधायकी पद से इस्तीफा दे दिया है। विधायकी से इस्तीफा देने वालों में इमामगंज विधानसभा सीट से HAM के विधायक जीतन राम मांझी, रामगढ़ सीट से राजद विधायक सुधाकर सिंह और तरारी से सीपीआई के विधायक सुदामा प्रसाद शामिल हैं। बता दें तीनों विधायकों ने हाल ही में लोकसभा चुनाव जीता है। इनके अलावा बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर भी अब सांसद बन चुके हैं, इसलिए उन्होंने भी सभापति पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं तीन विधायकों के इस्तीफा देने से विधानसभा में नंबर गेम एकदम से बदल गया है। अब इसका नीतीश सरकार पर क्या असर पड़ेगा, इसको लेकर बड़ी चर्चा हो रही है।
243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने फरवरी में हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान 129 विधायकों का समर्थन हासिल किया था। उस समय राजद के 3 विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी नीतीश के समर्थन में चले गए थे। महत्वपूर्ण यह है कि आरजेडी के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान सरकार के साथ 125 विधायक ही खड़े हुए थे। वहीं विपक्ष के साथ 112 विधायक ही बचे थे। अब नम्बर गेम फिर से अब बदल गया है। लोकसभा चुनाव से लेकर अभी तक 4 विधायकों का इस्तीफा हो चुका है, जिसमें से 2 एनडीए (बीमा भारती और जीतन राम मांझी) और 2 महागठबंधन से हैं।
इनमें से बीमा भारती की सीट रुपौली में उपचुनाव का ऐलान भी कर दिया गया है। बाकी 3 सीटों पर भी जल्द ही उपचुनाव का बिगुल बज सकता है। अगर एनडीए चारो सीटें हार भी जाती है तो भी महागठबंधन के पास सिर्फ 114 विधायक ही होंगे। इस तरह से नीतीश कुमार की सरकार को फिलहाल कोई खतरा नजर नहीं आ रहा है। दूसरी ओर बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समय से पहले चुनाव कराना चाहते हैं, जबकि मध्यावधि चुनाव के लिए बीजेपी तैयार नहीं है। सवाल ये है कि अगर चुनाव होता है तो किसे इसका फायदा होगा और किसे नुकसान उठाना पड़ सकता है?